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कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में सोनिया गांधी ने कहा, “लॉकडाउन जरूरी हो सकता है, लेकिन जिस तरह से लागू किया गया, वो भी सिर्फ कुछ घंटों की सूचना पर, उसने आम जनता को भारी दिक्कतें पैदा कर दीं.”
सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन से पैदा हुए इस संकट को खत्म करने के लिए सरकार को एक व्यापक रणनीति बनाने की जरूरत है.
सोनिया गांधी ने कहा, "आज हम एक बहुत बड़े और घोर संकट से गुजर रहा है. यह एक कठिन चुनौती है लेकिन इसे हराने का हमारा संकल्प इससे भी मजबूत होना चाहिए."
सोनिया गांधी ने कहा, "कोविड-19 महामारी राजनैतिक सिद्धांतों, धर्म, जाति, उम्र या महिला-पुरुष में अंतर नहीं करती. हम आज जो रास्ता चुनेंगे, वो हमारे परिवार, पड़ोसियों, समाज और देश के भविष्य का निर्णय करेगा. हम इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं, समाज के सभी वर्गों, खासकर गरीबों और सबसे कमजोर वर्गों को किस प्रकार सुरक्षित करते हैं, उससे हमारे आगे आने वाली पीढ़ियों के सामने एक नया रास्ता और उदाहरण स्थापित होगा."
कोरोना वायरस संकट के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को लेटर लिखकर मनरेगा मजदूरों को 21 दिन की मजदूरी अग्रिम देने की मांग की है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, लॉकडाउन की वजह तमाम मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है, ऐसी स्थिति में इन लोगों को आर्थिक मदद की सख्त जरूरत है.
प्रियंका गांधी ने इस लेटर को ट्वीट करते हुए कहा, “मनरेगा के तहत मिलने वाला रोजाना का मेहनताना इस समय ग्रामीण मजदूरों की जिंदगी में राहत ला सकता है.”
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