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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद का उच्च सदन में 9 फरवरी को आखिरी दिन था. आजाद राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं और इस मौके पर उन्होंने काफी भावुक विदाई भाषण दिया. आजाद ने कहा कि उन्हें 'हिंदुस्तानी मुस्लिम होने पर गर्व है.'
वेटरन कांग्रेस नेता ने अपने भाषण में कहा, "मैंने हमेशा महसूस किया है कि जन्नत भारत है. मेरा जन्म आजादी के बाद हुआ था. मैं उन खुशकिस्मत लोगों में से हूं जो कभी पाकिस्तान नहीं गए. मैं जब पाकिस्तान के हालात के बारे में पढ़ता हूं तो मुझे हिंदुस्तानी मुस्लिम होने का गर्व होता है."
आजाद ने कहा कि दुनियाभर के मुस्लिम समुदाय आपस में लड़ रहे हैं, लेकिन भारतीय मुस्लिम सालों से साथ रहे हैं और ऐसे ही रहना चाहिए.
गुलाम नबी आजाद ने अपने भाषण की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यसभा के साथियों को उनके काम के लिए सराहना करने के लिए शुक्रिया कहा. आजाद ने कहा, "मैंने इस संसद से काफी कुछ सीखा है. मैंने शुरुआत इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल से की थी."
आजाद ने कहा, "मैंने नेता प्रतिपक्ष रहते हुए शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्टर और नीतियों के मुद्दे उठाए हैं. मैं अपने साथियों से निवेदन करता हूं कि कुछ दिनों पर बहस कीजिए, कुछ दिनों पर बातचीत और सुनिश्चित कीजिए कि कानून हमेशा के लिए रुके नहीं रहें."
गुलाम नबी आजाद 15 फरवरी को राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं. वो 8 जून 2014 से नेता प्रतिपक्ष थे.
राज्यसभा से कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद की विदाई के मौके पर पीएम मोदी भावुक हो गए. पीएम ने आजाद की तारीफ की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “गुलाम नबी आजाद दल के साथ देश की भी सोचते हैं, उनकी जगह भरना किसी के लिए भी मुश्किल होगा.”
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