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उत्तर प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस के नए युग की शुरूआत होने जा रही है. पार्टी अपने स्टार की लीडर की लॉन्चिंग के लिए तैयार है. 11 फरवरी को लखनऊ में होने वाले मेगा रोड शो के जरिए प्रियंका गांधी की सियासत में शाही एंट्री होगी. मौका खास है, लिहाजा पार्टी के आलाकमान राहुल गांधी भी साथ होंगे.
राहुल गांधी.. प्रियंका और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ लखनऊ में लैंड करेंगे. मेगा रोड शो की तैयारी पूरी हो चुकी है. एयरपोर्ट से लेकर कांग्रेस पार्टी के दफ्तर तक रोड शो के रास्ते को तिरंगे से पाट दिया गया है. करीब तीन दर्जन से ज्यादा जगहों पर कांग्रेस के इन दिग्गजों का स्वागत होगा. रोड शो के दौरान प्रियंका गांधी रास्ते में पड़ने वाले महापुरुषों की मूर्तियों पर माल्यार्पण करते हुए कांग्रेस पार्टी के दफ्तर पहुंचेगी.
कांग्रेस के ये दोनों ही नेता पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार लखनऊ का दौरा करेंगे. हालांकि, यह कार्यक्रम बड़ी ही आपाधापी में रखा गया है. इस वक्त रॉबर्ट वाड्रा से ईडी लगातार पूछताछ कर रही है. ऐसा माना जा रहा था कि इसका असर प्रियंका के कार्यक्रमों पर पड़ सकता है, लिहाजा कांग्रेसियों में प्रियंका के इस दौरे को लेकर थोड़ी अनिश्चितता थी. लेकिन दौरे के ऐलान के साथ अब अनिश्चितता के बादल छंट गए हैं.
माना जा रहा है कि तैयारी में कम समय मिलने के बावजूद रोड शो में अच्छी खासी भीड़ राजधानी में इकट्ठा होने वाली है. क्योंकि इसमें कोई दो राय नहीं है कि प्रियंका के लॉन्चिंग शो की चमक आम चुनाव में कांग्रेस के लिए माहौल तैयार करेगी.
राहुल गांधी तो वापस चले जाएंगे, लेकिन प्रियंका गांधी लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में ठहरेंगी और रोजाना वहीं से पार्टी कार्यालय जाएंगी. बताया जा रहा है कि चार दिनों से लखनऊ प्रवास के दौरान दोनों नेता पार्टी कार्यालय में कांग्रेस के नए और पुराने नेताओं से मुलाकात करेंगे.
लोकसभा चुनाव को लेकर इन चार दिनों में पूरा खाका तैयार होगा. पार्टी कार्यालय में दोनों के लिए एक ही कमरा एलॉट किया गया है, जिसमें बैठकर चुनाव की रणनीति और पार्टी के नेताओं के साथ चर्चा होगी.
कांग्रेस से मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी की 80 लोकसभा सीटों को दो भागों में बांटा गया है. प्रियंका को मोदी और योगी के इलाके पूर्वी यूपी की 42 सीटों को संभालने की जिम्मेदारी मिली है तो ज्योतिरादित्य सिंधिया पश्चिम यूपी की 38 सीटों को देखेंगे.
बताया जा रहा है कि प्रियंका सभी लोकसभा सीटों से पूर्व सांसद, पूर्व और मौजूदा विधायक, जिलाध्यक्षों और प्रमुख पदाधिकारियों सहित डेढ़ दर्जन लोगों से मिलेंगी. नेताओं से मिलने के लिए सभी लोकसभा सीटों को अलग-अलग ब्लॉक में बांटा गया है, जिससे कि सिलसिलेवार तरीके से हर सीट का असली स्वरूप सामने आ सके.
कांग्रेस में पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी संभाल रही प्रियंका के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि 2009 में कांग्रेस को यहीं से 15 सीटें मिली थी, जो पूरे प्रदेश में अब सिर्फ दो बची हैं. इससे भी बड़ी बात यह है कि प्रियंका को मिली 42 लोकसभा सीटों में बीजेपी के बड़े-बड़े दिग्गज हैं.
खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बनारस से, सीएम योगी गोरखपुर सीट से, गृहमंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से, मुरली मनोहर जोशी कानपुर से और देवरिया से कलराज मिश्र जैसे दिग्गज नेता मौजूदा सांसद हैं. ऐसे में प्रियंका पर इन दिग्गजों का मुकाबला करने की सबसे बड़ी चुनौती है.
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