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संविधान की रक्षा के लिए एकजुट होना हमारा कर्तव्य: सोनिया गांधी

सोनिया गांधी ने कहा, संविधान की रक्षा का दायित्व हर देशवासी के कंधे पर है

क्विंट हिंदी
भारत
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सोनिया गांधी ने कहा, संविधान की रक्षा का दायित्व हर देशवासी के कंधे पर है
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सोनिया गांधी ने कहा, संविधान की रक्षा का दायित्व हर देशवासी के कंधे पर है
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के नाम संदेश दिया. देशवासियों को 71वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए सोनिया गांधी ने कहा, संविधान की रक्षा का दायित्व हर देशवासी के कंधे पर है, संविधान की रक्षा के लिए एकजुट खड़े होना हर देशवासी का कर्तव्य है.

सोनिया गांधी ने कहा, "सच्चाई यह है कि आज देश के संविधान और संवैधानिक मूल्यों पर षडयंत्रकारी हमला बोला जा रहा है. संवैधानिक मान्यताओं पर संस्थागत तौर से अतिक्रमण किया जा रहा है. संवैधानिक संस्थाओं को व्यक्तिगत निरंकुशता की बलि चढ़ाया जा रहा है. ऐसे में संविधान की रक्षा के लिए एकजुट खड़े हो जाना हर देशवासी का कर्तव्य है."

संविधान का हर अक्षर सिर्फ एक शब्द मात्र नहीं, हर नागरिक का जीवनदर्शन और सरकारों के लिए शासन चलाने का जीवंत रास्ता है. यह रास्ता गांधी जी के नेतृत्व में करोड़ों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी से लिखा गया है, जहां हर भारतवासी को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता के अधिकार सुनिश्चित किए गए हैं.
सोनिया गांधी, कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष 
70 साल पहले देश के लोगों की आकांक्षाओं और इच्छाओं के अनुरूप भारत के संविधान को देशवासियों ने अपनाया. हमारे संविधान की प्रस्तावना में सबके लिए न्याय, समानता, आजादी, धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे की भावना रेखांकित है.
सोनिया गांधी, कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष 
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"खेती और किसान बर्बादी की कगार पर खड़े हैं"

सोनिया गांधी ने कहा, आज खेती और किसान बर्बादी की कगार पर खड़े हैं, देश का भविष्य - देश का नौजवान रोजगार और सम्मान के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, "मंदी और तालाबंदी के चलते देश का छोटा छोटा व्यवसायी और दुकानदार अपने आपको असहाय महसूस कर रहा है. अर्थव्यवस्था बदहाल है, आर्थिक प्रगति चौपट है और व्यापारिक मंदी हर पायदान पर दस्तक दे रही है. लेकिन आवाज उठाने वाले हर व्यक्ति पर सरकारी तंत्र का दमनचक्र चलाया जा रहा है."

आर्थिक बदइंतजामी, प्रशासनिक दिवालियेपन, बेतहाशा महंगाई, चौतरफा मंदी, असहनीय बेरोजगारी जैसी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए देशावासियों को धर्म-मजहब, इलाकावाद और भाषा के आधार पर बांटने, संविधान को कमजोर करने की साजिश की जा रही है.
सोनिया गांधी, कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष

सोनिया गांधी ने कहा, देश में अप्रत्याशित तौर से अशांति, भय और असुरक्षा का वातावरण पैदा किया गया है. आम नागरिक महसूस कर रहा है कि मौजूदा शासन के हाथों में संवैधानिक मूल्य सुरक्षित नहीं हैं.

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