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कांग्रेस (Congress) और टीएमसी (TMC) ने शुक्रवार 26 नवंबर को संसद परिसर में होने वाले संविधान दिवस कार्यक्रम के बहिष्कार का ऐलान किया है. उधर सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं को संकेत दिया है कि बाहरी घटनाक्रमों की वजह से संसद के अंदर विपक्षी एकता कमजोर नहीं होनी चाहिए. सोनिया का इशारा टीएमसी के द्वारा कांग्रेस तोड़े जाने की ओर था.
संसद के सेंट्रल हॉल में होने वाले संविधान दिवस कार्यक्रम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संबोधित करने वाले हैं. संविधान दिवस कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस ने सहयोगी दलों से भी संपर्क किया है, इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि आरजेडी, डीएमके और लेफ्ट पार्टियां भी शायद कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी.
कांग्रेस से लगातार नेताओं को तोड़ने के बाद भी सोनिया गांधी टीएमसी से रिश्ते खराब करने के मूड में नहीं दिख रही हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को हुई पार्टी रणनीतिकारों की बैठक में जब टीएमसी का मुद्दा तो कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संकेत दिए कि सदन के बाहर होने वाले घटनाक्रमों की वजह से संसद के अंदर विपक्षी एकता प्रभावित नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सभी विपक्षी पार्टियों के साथ संपर्क करना चाहिए.
सोनिया का बयान ऐसे वक्त में काफी अहम माना जा रहा है जब टीएमसी अलग राज्यों से कांग्रेस नेताओं को तोड़ने में लगी है. 2 दिन पहले ही टीएमसी ने मेघायल में कांग्रेस कांग्रेस को जोरदार झटका देते हुए पूर्व सीएम मुकुल संगमा समेत 12 विधायकों को अपने खेमे में शामिल करा लिया.
गुरुवार को हुई कांग्रेस की उच्चस्तरीय बैठक में इस बात को लेकर सभी नेताओं में सहमति दिखी कि संविधान दिवस कार्यक्रम का बहिष्कार होना चाहिए. इस साल संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति के संबोधन का भी विपक्षी पार्टियों ने बहिष्कार किया था.
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