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संसद के सेंट्रल हॉल में संविधान दिवस (Constitution Day) पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रे सरकार के तमाम मंत्री मौजूद रहे. संविधान दिवस कार्यक्रम के बायकॉट को लेकर पीएम मोदी विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा.
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में 26/11 के हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी. पीएम ने कहा, ''देश के समान्य मानव की रक्षा के लिए अनेक वीर जवानों ने अपने आपको समर्पित कर दिया, सर्वोच्च बलिदान दिया. मैं उन सभी बलिदानियों को आदरपूर्वक नमन करता हूं.''
पीएम ने कहा कि हमारा संविधान ये सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह नहीं है, हमारा संविधान सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है. इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है, इसका मूल्यांकन करने के लिए मनाना चाहिए
पीएम मोदी ने संविधान दिवस कार्यक्रम के बायकॉट को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा.
पीएम यहीं नहीं रुके, उन्होंने विपक्षी पार्टयों पर हमला जारी रखा. उन्होंने कहा, अब भी खुले मन से बाबा साहब अंबेडकर जैसे मनीषियों ने जो देश को दिया है, उसका स्मरण करनेकी तैयारी ना होना एक चिंता का विषय है.''
पीएम ने कांग्रेस और अन्य पार्टियों पर परिवारवाद को लेकर निशाना साधते हुए कहा, ''भारत एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है, लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वो हैं पारिवारिक पार्टियां.''
पीएम ने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक राजनीतिक दलों की तरफ देख लीजिए, ये लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है. संविधान हमें जो कहता है यह उसके विपरीत है.
पीएम ने कहा, जब मैं परिवारवाद की बात करता हूं तो इसका मतलब ये नहीं कि एक परिवार से एक से ज्यादा लोग राजनीति में नहीं आने चाहिए. बिल्कुल आएं, योग्ये हैं तो अन्य लोग भी आएं. लेकिन जब पीढ़ियों तक पार्टी का कंट्रोल एक परिवार के पास हो तो यह स्थिति चिंताजनक है.
पीएम ने भ्रष्टाचार को लेकर भी राजनीतिक दलों पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि किसी को अगर कोर्ट ने भ्रष्टाचार के लिए दोषी ठहरा दिया हो, और राजनीतिक लाभ के लिए उसका महिमामंडन चलता रहे, सारी मर्यादाओं और लोक लाज को तोड़कर उनके साथ उठना-बैठना किया जाए तो देश के युवाओं को लगता है कि भ्रष्टाचार बुरा नहीं है.
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