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संविधान दिवस क्यों मनाते हैं? विकसित भारत के संकल्प को लेकर PM मोदी ने क्या कहा?

PM Modi ने 'मन की बात में' में देशवासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं दीं.

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>संविधान दिवस क्यों मनाते हैं? विकसित भारत के संकल्प को लेकर PM मोदी ने क्या कहा?</p></div>
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संविधान दिवस क्यों मनाते हैं? विकसित भारत के संकल्प को लेकर PM मोदी ने क्या कहा?

(फोटो-क्विंट)

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भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस (Constitution Day) मनाया जाता है. इस साल डॉ. भीम राव अंबेडकर की 132वीं जयंती है, जो संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष थे और उन्होंने संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. पहले इस दिन को कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था लेकिन 2015 में भारत सरकार ने कानून दिवस को संविधान दिवस के रूप में संशोधित कर दिया.

26 नवंबर, 1949 में भारत ने अपना संविधान अपनाया था. संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था. दलितों की आवाज बीआर अंबेडकर उस समिति के प्रमुख थे, जिसने भारतीय संविधान के मसौदे को अंतिम रूप दिया था. संविधान के ड्राफ्ट को पूरा होने में 2 साल, 11 महीने और 17 दिन लगे थे.

इस बीच सुप्रीम कोर्ट परिसर में बीआर अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की जा रही है और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रतिमा का उद्घाटन किया है.

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आकाशवाणी से प्रसारित पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम के 107वें एपिसोड में उन्होंने कहा कि, "आज के ही दिन 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था. देश के सभी देशवासियों को मैं संविधान दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं. हम सब मिलकर विकसित भारत के संकल्प को जरूर पूरा करेंगे."

गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान दिवस के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दी हैं. सोशल मीडिया पोस्‍ट में उन्होंने कहा कि यह दिन संविधान के मूल्यों और सिद्धांतों के महत्व को बताता है और हमें यह स्मरण कराता है कि इसके निर्माताओं ने नागरिकों को स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए कितने कष्ट उठाए हैं. उन्होंने लोगों से संविधान की सच्‍ची भावना को मजबूत करने का संकल्‍प लेने का अनुरोध किया.

73वें संविधान दिवस के अवसर पर संसदीय कार्य मंत्रालय ने सभी नागरिकों से संविधान प्रश्नोत्तरी और संविधान के प्रस्तावना के ऑनलाइन पाठन कार्यक्रम में भाग लेने का अनुरोध किया है. मंत्रालय ने अधिक से अधिक जन भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए दो वेब पोर्टल बनाए हैं.

22 राजभाषाओं और अंग्रेजी में संविधान प्रस्तावना का ऑनलाइन पाठन readpreamble.nic.in पर उपलब्‍ध है और लोग constitutionquiz.nic.in के माध्‍यम से ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी में भाग ले सकते हैं.

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