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NEET और JEE की परीक्षाओं को लेकर घमासान मचा हुआ है. बड़े पैमाने पर लोग इस तरह की परीक्षाओं को टालने की मांग कर रहे हैं. स्कूल खोलने की बातों का भी इसी तरह विरोध हो रहा है.
इस बीच बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री को खत लिखकर NEET और JEE परीक्षाओं की तारीख आगे बढ़वाने की मांग की है. उन्होंने तो यहां तक कहा कि अगर महामारी के बीच परीक्षाएं करवा दी गईं, तो कई युवा आत्महत्या तक कर लेंगे.
इस पूरे मामले में, परीक्षाएं करवाने और स्कूल खोलने को लेकर कुछ बुनियादी सवालों के जवाब जानना जरूरी है. जैसे:
'अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स' की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई के आखिरी दो हफ्तों में करीब 97000 बच्चों में कोरोना संक्रमण पाया गया. कुल मिलाकर वहां 3,38,000 से ज्यादा बच्चे संक्रमित हो चुके हैं. इनमें बड़ी संख्या स्कूलों में संक्रमित हुए बच्चों की है.
अमेरिका के जॉर्जिया में एक स्कूल में 100 से ज्यादा बच्चे संक्रमित पाए गए, जिसके चलते 1600 से ज्यादा छात्रों और स्कूल स्टॉफ को क्वारंटीन करना पड़ा. इसी तरह की चीजें मिसिसिपी, टेनेसी, नेब्रास्का और दूसरे राज्यों में भी हुईं, जिसके बाद इन राज्यों में ऑनलाइन टीचिंग वापस अपनाई गई.
अमेरिका के मशहूर इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ एंथनी फौची के मुताबिक, स्कूल और कॉलेजों में कोरोन वायरस के लिए ज्यादा बड़ी चुनौती रहेगी. क्योंकि वहां अलग-अलग जगह से बच्चे आते हैं, जिनसे संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा बड़ा हो जाता है.
उन्होंने इस पर भी शक जताया कि कॉलेज-स्कूलों के पास इतने संसाधन होंगे कि वे हर बच्चे की कैंपस में आने से पहले स्क्रीनिंग करवाएं, जरूरी टेस्टिंग करवा सकें या फिर हॉस्टल में ठीक तरीके से संक्रमित बच्चों को आइसोलेशन में रख सकें.
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