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बिहार: क्वॉरंटीन सेंटर पर लोगों ने किया हमला, जान बचाकर भागे अफसर

क्वॉरन्टीन सेंटर में हंगामा करने वालों पर FIR दर्ज

शादाब मोइज़ी
भारत
Updated:
सिवान के रघुनाथपुर में एक स्कूल को बनाया गया क्वॉरन्टीन सेंटर
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सिवान के रघुनाथपुर में एक स्कूल को बनाया गया क्वॉरन्टीन सेंटर
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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इंदौर में कोरोना जांच से जुड़े स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले के बाद अब बिहार के सिवान से भी ऐसी ही घटना सामने आ रही है. सिवान के रघुनाथपुर में बने एक क्वॉरंटीन सेंटर पर रुके हुए कोरोना संदिग्ध प्रवासियों ने ब्लॉक डेवल्पमेंट ऑफिसर समेत ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों पर हमला बोल दिया. लोगों ने पत्थर और डंडों से उनकी पिटाई की. इस दौरान महिला कर्मचारी भी घायल हो गईं. कुछ कर्मचारियों ने भागकर अपनी जान बचाई.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, ये मामला सिवान के रघुनाथपुर के एक राजपुर मिडिल स्कूल में बनाए क्वॉरंटीन सेंटर का है. इस सेंटर पर बिहार के बाहर से आए करीब 70 लोगों को रखा गया है. शनिवार को इस सेंटर पर रहे कुछ लोगों ने व्यवस्था में कमी को लेकर शिकायत की. जब शाम 5 बजे के करीब बीडीओ वहां लोगों की समस्या समझने पहुंचने तो कुछ लोग उग्र हो गए. ये लोग बार-बार 14 दिनों तक यहां रुकने को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे थे.

FIR दर्ज

बीडीओ ने बताया, क्वॉरंटीन सेंटर में रखे गए सभी 70 लोग हिंसा में शामिल नहीं थे, बल्कि 20-25 लोगों ने ये हमला किया है. इस घटना की एफआईआर दर्ज हो गई है.

उन्होंने कहा, "हमें लगा कि इन्हें किसी चीज की दिक्कत होगी इसलिए ये नाराज हैं, लेकिन इन लोगों को यहां 14 दिनों तक रोके रखने पर नाराजगी थी. जबकि कोरोना के खौफ से इन लोगों के परिवार और गांव वाले ही इन्हें अपने यहां रहने नहीं देना चाह रहे हैं. सरकार ने सारा इंतजाम किया है. इस हमले में 50 साल के श्री राम साहू, 20-25 साल का सुमित, अंकित, चंदन सबसे आगे थे. जबकि हमने इन लड़कों को पहले भी कहा था कि अगर कुछ कमी हो तो ड्यूटी पर मौजूद लोगों को बताएं. अब इन लोगों के खिलाफ FIR कर दी गई है, देखिए आगे क्या होता है."

क्वॉरन्टीन सेंटर में आराम करते लोग(फोटो: क्विंट हिंदी)

बीडीओ संतोष कुमार के मुताबिक,

पहले भी ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों ने इन लोगों की शिकायत की थी. लेकिन जब मैं गया तो लोगों ने गुस्से में आकर पहले तो अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, फिर जब हमने समझाने की कोशिश की तो उन लोगों ने वहां रखे स्कूल डेस्क को तोड़कर डंडा बना लिया और हम लोगों पर हमला कर दिया. स्कूल के बाहर रखी कुर्सियां तोड़ी और ईंट से वहां ड्यूटी पर तैनात महिला कर्मचारी पर भी हमला किया. उन्हें चोट आई हैं. मेरे हाथ पर डंडे से हमला किया. हम लोगों को वहां से जान बचाकर भागना पड़ा.”

सुरक्षा की चिंता में काम पर नहीं जाने की अर्जी

फिलहाल, जिन स्टाफ पर हमला हुआ है उन्होंने अपनी सुरक्षा को देखते हुए ड्यूटी करने से मना कर दिया है. बता दें कि हंगामा करने वालों ने सेंटर का फर्नीचर तोड़ कर बाहर सड़क तक पर बिखेर दिया था और सेंटर से भाग गए थे. लेकिन बाद में गांव के मुखिया और बाकी लोगों के समझाने के बाद सारे लोग इसी क्वॉरंटीनसेंटर में वापस आ गए हैं.

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हालांकि, इस हमले में बाहर के लोग भी उस वक्त स्कूल में थे. पास के गांव सुल्तानपुर के रहने वाले एक लड़के ने बीडीओ पर ही हमले का आरोप लगाया है. लड़के ने कहा, “हम बीडीओ साहब को एक दरखास्त देने गए थे, तब ही बीडीओ साहब ने हमें मारा. हाथ में चोट भी लगी है.” फिलहाल अब इस मामले की जांच चल रही है. लेकिन अबतक किसी पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

इंदौर में मेडिकल टीम पर हुआ था हमला, लोगों ने जाहिर की नाराजगी

इससे पहले, एक अप्रैल को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के टाटपट्टी बाखल इलाके में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए अभियान चला रहे स्वास्थ्यकर्मियों की टीम पर लोगों ने पथराव कर दिया था. जिसके बाद सोशल मीडिया से लेकर देशभर में लोगों ने ऐसी हरकत पर गुस्सा जाहिर किया था. पुलिस ने एक्शन लेते हुए मेडिकल टीम पर हमला करने वाले सात उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया था.

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Published: 05 Apr 2020,05:37 PM IST

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