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जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को अस्थायी तौर पर रद्द कर दिया है. ये प्रदर्शन पिछले कुछ महीनों से चल रहा था, अब देशभर में कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. कोरोनावायरस के देशभर में 280 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं, वहीं अबतक 4 लोगों की मौत हो गई है.
दिल्ली के शाहीनबाग में भी पिछले साल 15 दिसंबर से प्रदर्शन चल रहा है. इस प्रदर्शन की जगह पर एक प्रदर्शनकारी में कोरोनावायरस की पुष्टि हुई है.जहांगीरपुरी निवासी इस शख्स की बहन इसी महीने सऊदी अरब से आई है, जो संक्रमित पाई गई है. प्रदर्शनकारी तक संक्रमण उसकी बहन से ही फैला है.
इस कोरोनाग्रस्त प्रदर्शनकारी ने आईएएनस से कहा, "मेरी बहन इसी महीने (मार्च) में सऊदी अरब से लौटी है. वह उत्तर पूर्वी दिल्ली के दिलशाद गार्डन इलाके में रहती है. बहन के सऊदी अरब से लौटने के उपरांत मैं और मेरी मां उससे मिलने 10 मार्च को उसके घर गए थे."
बहन के कोरोनावायरस से ग्रस्त पाए जाने के बाद प्रदर्शनकारी और उसकी मां को भी एहतियातन दिल्ली गेट स्थित लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया. अब इन दोनों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है.
कोरोनाग्रस्त प्रदर्शनकारी ने कहा, "मैं नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपना समर्थन जताने शाहीनबाग गया था."
प्रदर्शनकारी के इस दावे ने शाहीन बाग में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है. हालांकि इस व्यक्ति का कहना है, "मैं नौ फरवरी को पहली और आखिरी बार शाहीनबाग में प्रदर्शन के लिए गया था, जबकि मेरी बहन मार्च महीने में सऊदी अरब से लौटी है. अपनी बहन से मुलाकात के बाद ही मैं कोरोनावायरस की चपेट में आया हूं."
व्यक्ति के मुताबिक, वह नौ फरवरी के बाद दोबारा कभी शाहीनबाग नहीं गया. हालांकि इस तथ्य की उसके अलावा किसी और स्तर पर पुष्टि नहीं हुई है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि वह किस-किस दिन नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपना विरोध जताने शाहीनबाग गया था.
जहांगीरपुरी में रहने वाले इस व्यक्ति का यहां एक जुराब बनाने की फैक्ट्री है. इसके कोरोनावायरस से पॉजिटिव पाए जाने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग उसकी फैक्ट्री में काम करने वाले सभी लोगों की स्वास्थ्य जांच में जुटा है. इसके अलावा उन सभी लोगों का ब्यौरा भी एकत्र किया जा रहा है, जो 10 मार्च के बाद उसके संपर्क में आए हैं.
डॉक्टरों को दी गई जानकारी में इस कोरोनाग्रस्त व्यक्ति ने कहा है कि 10 मार्च के बाद वह शाहीनबाग या फिर वहां प्रदर्शन पर बैठे किसी व्यक्ति के संपर्क में नहीं आया. वह शाहीनबाग में व्यक्तिगत तौर पर किसी को नहीं पहचानता और वह केवल प्रदर्शन में शामिल होने के लिए शाहीनबाग पहुंचा था. हालांकि यह दावा स्वयं उसकी ओर से किया जा रहा है, और अभी इस तथ्य की पुष्टि किसी और स्तर पर नहीं हुई है.
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