Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बसों की मनमानी,लॉकडाउन में दिल्ली से बिहार-UP डबल, ट्रिपल किराया

बसों की मनमानी,लॉकडाउन में दिल्ली से बिहार-UP डबल, ट्रिपल किराया

क्विंट की पड़ताल में कई चौकाने वाली बात आई सामने

शादाब मोइज़ी
भारत
Published:
बस वालों की मनमानी
i
बस वालों की मनमानी
(फोटो: प्रतीकात्मक फोटो)

advertisement

मेरा घर पहुंचना जरूरी है, पापा की तबीयत खराब है, 2 महीने से हम दिल्ली में फंसे थे, श्रमिक वाली ट्रेन चली लेकिन भीड़ में जाने का मतलब है कोरोना वायरस को दावत देना, ऊपर से 14 दिन किसी स्कूल में क्वॉरन्टीन सेंटर में बंद कर दिया जाएगा, फिर क्या फायदा, इसलिए बस का सहारा लिए हैं. लेकिन बस वाला 6000 रुपया ले रहा है, क्या करें मजबूरी है.

लॉकडाउन 4 में कुछ इंटर स्टेट बस और गाड़ियां लोगों को एक राज्य से दूसरे राज्य लेकर जा रही हैं. इसी को देखते हुए सिवान के रहने वाले फैज ने दिल्ली से अपने घर बस से जाने का फैसला किया. लेकिन फैज को इस सफर की दोगुनी कीमत चुकानी पड़ी.

आम दिनों में दिल्ली से सिवान जाने के लिए बस का किराया 2200 से 2500 रुपए होते हैं, लेकिन लॉकडाउन में बस वाले मनमाना रेट ले रहे हैं.

क्विंट की पड़ताल में कई चौंकाने वाली बात आई सामने

क्विंट ने करीब 6 बस और ट्रैवल एजेंसियों को संपर्क किया, जिनसे दिल्ली से अलग-अलग जगह जाने के बारे में किराया पता किया. जब क्विंट ने दिल्ली से बिहार जाने के लिए एक बस वाले से यात्री बनकर बात की तो उसने बताया कि दिल्ली से जाना मुश्किल है, पास की दिक्कत है, इसलिए हरियाण के फरीदाबाद आना होगा.

बस वाले ने कहा,

“दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके में हम आ जाएंगे आपको लेने, फिर वहां से फरीदाबाद. कालिंदी से फरीदाबाद का 200 रुपए होगा वो आप दे दीजिएगा. बस फरीदाबाद में ही खड़ी है, वहां से आपको बिहार के गोपालगंज बॉर्डर छोड़ देंगे. वहां से हमारी कैब आपको घर छोड़ देगी उसका पैसा अलग से लगेगा. फरीदाबाद से गोपालगंज के लिए आपको 3500 रुपए देने होंगे.”

सरकार ने चलाई ट्रेन, लेकिन नाकाफी

बता दें कि लॉकडाउन में सरकार ने मजदूरों के लिए श्रमिक ट्रेन चलाई, साथ ही आम लोगों के लिए भी कई ट्रेनें चली हैं, जिसका किराया राजधानी ट्रेन के किराए के बराबर है. लेकिन करीब 50 दिनों बाद ट्रेन चलने की वजह से टिकट मिलने में काफी मुश्कलि हो रही है, ऐसे में बहुत से लोग बस या कैब के जरिए सफर करने को मजबूर हैं. और इसका फायदा ट्रांसपोर्ट कंपनियां या बस वाले उठा रहे हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बस से जाइए क्वॉरन्टीन से बचिए’’

जब हमने बस वाले से गांव पहुंचने पर क्वॉरन्टीन सेंटर जाने के बारे में पूछा तो उसने बड़ी आसानी से कहा,

“कोई चेकअप नहीं होगा. फरीदाबाद में बस पर बैठने से पहले हम लोग अपने आपका बुखार देख लेंगे थर्मल मशीन से, बिहार में कोई दिक्कत नहीं है. वहां हमारी गाड़ी सीधा आपको आपके गांव ले जाएगी. प्राइवेट गाड़ी है हमारी. प्राइवेट गाड़ी को कोई रोकता नहीं है. रोज इतने सारे लोग जा रहे हैं. हमारी गारंटी है आपको घर छोड़ने की.”

आनंद विहार से प्रयागराज- डबल से ज्यादा किराया

हमने अपनी पड़ताल में जब दिल्ली से प्रयागराज जाने के लिए बस का किराया पता करना चाहा तो बस वाले ने बिना किसी झिझक हमें ऑनलाइन बुकिंग के लिए कहा. ट्रैवल एजेंसी वाले ने तुरंत एपलिकेशन डाउनलोड करने को कहा. जब हमने किराया जानना चाहा तो उसने कहा एसी स्लीपर बस है, 3500 रुपए लगेंगे.

“क्या करें 50 की जगह 20 सवारी की इजाजत है, कैसे काम चलेगा. आधी से कम सवारी जा रही है तो पैसा बढ़ाकर लेंगे ही, बस मयूर विहार एक्स्टेंशन से मिलेगी. प्रयागराज से वापस खाली बस आएगी, उधर से आने नहीं दे रहे हैं सवारी. बाकी होम क्वॉरन्टीन करेंगे यहां से जाने पर, दिक्कत की कोई बात नहीं है.”

बता दें कि दिल्ली से प्रयागराज करीब 700 किलोमीटर की दूरी है और 12-13 घंटे का सफर. बस का किराया 800 रुपए से लेकर 1500 रुपए तक है. लेकिन फिलहाल डबल से भी ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं.

दिल्ली से मुजफ्फरपुर- तीन गुना किराया

दिल्ली के आनंद विहार से बिहार का मुजफ्फरपुर करीब एक हजार किलोमीटर है, बस से आम दिनों में 2000 रुपए का किराया लगता है. जब क्विंट ने एक प्राइवेट एजेंसी से दिल्ली से मुजफ्फरपुर जाने के लिए पूछा तो उन्होंने किराया तीन गुना ज्यादा बताया. ट्रैवेल एजेंसी ने कहा,

“दिल्ली में आनंद विहार, अक्षरधाम और एनसीआर में नोएडा से बस चलती है, पुश बैक सीट वाली एसी बस का किराया 6000 रुपए लगेगा. शहर के आसपास कहीं प्वॉइंट पर छोड़ेंगे.”

जब हमने ट्रैवल एजेंसी वाले से कुछ पैसे कम करने को कहा तो उसने कहा, “आप भले ही पहले 500 में जाते हो लेकिन फिलहाल यही रेट है, जिसको जाना होगा वो जाएगा. हम कोई मनमाना रेट थोड़े ही ले रहे हैं.’’

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT