Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019 शराब बिक्री राज्यों के लिए क्यों है इतनी जरूरी? कमाई कनेक्शन

शराब बिक्री राज्यों के लिए क्यों है इतनी जरूरी? कमाई कनेक्शन

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
(फोटो: PTI)
i
null
(फोटो: PTI)

advertisement

देश में लॉकडाउन एक बार फिर बढ़ गया है. अब लॉकडाउन 17 मई तक रहेगा. हालांकि, इस बार लॉकडाउन में केंद्र सरकार ने काफी छूट दी है. लेकिन एक छूट है जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा हुई है. रेड जोन के कन्टेनमेंट और हॉटस्पॉट इलाकों को छोड़कर बाकी सब जगह शराब की दुकानें खोलने की इजाजत दे दी गई है. आलम ये रहा कि 4 मई को जैसे ही ये छूट लागू हुई, तो सुबह से ही शराब की खरीदारी के लिए लंबी-लंबी लाइनें लग गईं.

राज्यों ने इस छूट के ऐलान के समय कोई विरोध नहीं जताया. जाहिर सी बात थी कि जैसे ही शराब की दुकानें खुलेंगी तो हंगामा और भीड़भाड़ देखने को मिल सकती है. लेकिन फिर भी किसी राज्य ने इस छूट को देने से मना नहीं किया. इसका कारण राज्यों के राजस्व से जुड़ा है. वो राजस्व जिसकी राज्यों को इस समय सख्त जरूरत है.  

लॉकडाउन की वजह से पूरे देश में आर्थिक गतिविधियों पर रोक लग गई है. इसकी वजह से केंद्र और राज्यों को राजस्व का नुकसान हो रहा है. कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सरकारों का अप्रत्याशित खर्चा हो रहा है. ऐसे में शराब की बिक्री को इजाजत मिलना राज्यों के लिए राजस्व के लिहाज से अच्छा कदम है. शराब बिक्री किसी भी राज्य के लिए राजस्व का बहुत महत्त्वपूर्ण और बड़ा जरिया होता है. इसका अनुमान इस बात से लग सकता है कि 4 मई को कर्नाटक में 45 करोड़ की शराब बिक्री हुई.

शराब बिक्री से राजस्व कितना अहम?

सामान्य रूप से राज्य शराब की मैन्युफैक्चरिंग और सेल पर एक्साइज ड्यूटी लगाते हैं. लेकिन तमिलनाडु जैसे राज्य एक्साइज ड्यूटी के अलावा VAT भी चार्ज करते हैं. कई राज्यों में इम्पोर्टेड विदेशी शराब पर स्पेशल फीस, ट्रांसपोर्ट फीस और लेबल-ब्रांड रजिस्ट्रेशन चार्ज भी लगाया जाता है.

उत्तर प्रदेश में आवारा गौवंश की देखभाल के लिए शराब पर ‘स्पेशल ड्यूटी’ लगाई जाती है.  

2019 में RBI ने ‘State Finances: A Study of Budgets of 2019-20’ नाम की एक रिपोर्ट पब्लिश की थी. इसमें राज्यों के राजस्व के बारे में जानकारी दी गई थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर राज्यों के अपने राजस्व का 10-15% अल्कोहल पर एक्साइज ड्यूटी से आता है. ये हिस्सा काफी बड़ा है.

यहां तक कि सेल्स टैक्स (जो अब GST है) के बाद राज्यों की कमाई का सबसे बड़ा जरिया अल्कोहल पर एक्साइज ड्यूटी है. इसलिए राज्य शराब को GST के दायरे से बाहर रखना चाहते हैं.  
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

एक्साइज ड्यूटी से कितना कमाते हैं राज्य?

RBI की रिपोर्ट का कहना है कि 2019-20 में सभी 29 राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने शराब पर एक्साइज ड्यूटी से होने वाली कमाई का बजट 1.75 करोड़ से ज्यादा का रखा था. ये बजट 2018-19 में हुई 1,50,657.95 करोड़ की कमाई से 16% ज्यादा था.

रिपोर्ट के आंकड़ों से अगर अनुमान लगाया जाए तो पता चलता है कि 2018-19 में औसतन राज्यों ने एक महीने में 12,500 करोड़ एक्साइज ड्यूटी से कमाए. 2019-20 में ये कमाई 15,000 करोड़ तक पहुंच गई.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 04 May 2020,08:51 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT