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बरेली: मजदूरों पर छिड़का गया दीवारों-सड़कों के लिए बना केमिकल 

बरेली प्रशासन की तरफ से जांच के आदेश दिए गए हैं

क्विंट हिंदी
भारत
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बरेली प्रशासन की तरफ से जांच के आदेश दिए गए हैं
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बरेली प्रशासन की तरफ से जांच के आदेश दिए गए हैं
(फोटो: Screengrab)

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कोरोनावायरस से देशभर में लॉकडाउन है, इस लॉकडाउन के चलते गरीब मजदूर शहरों से अब अपने गांव और अपने घरों की ओर निकल रहे हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश के बरेली से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें ऐसे मजदूरों पर केमिकल छिड़का गया. बस से उतरते ही मजदूरों को एक जगह बैठाया गया और उन पर केमिकल की बौछार कर दी गई. इस पर नेताओं ने भी योगी सरकार की जमकर आलोचना की है.

इस केमिकल को छिड़कते हुए कर्मचारियों ने इसका एक वीडियो भी बनाया. साथ ही वहां मौजूद कुछ लोगों ने भी घटना को कैमरे में कैद कर लिया. अब मामला सामने आने के बाद प्रशासन की तरफ से भी सफाई आई है. प्रशासन ने खुद माना है कि केमिकल इंसानों के लिए नहीं था. डिस्ट्रिक्ट फायर ऑफिसर ने इस मामले को लेकर कहा,

“इस तरह के केमिकल को ह्यूमन बॉडी में डालने के लिए सख्त मना किया गया है. ये सिर्फ निर्जीव वस्तुओं जैसे दीवारों पर मेटल पर और सड़कों पर डालने के लिए है. इंसान के शरीर पर इससे नुकसान भी हो सकता है.”
सीएफओ चंद्रमोहन शर्मा

हालांकि अधिकारी ने ये भी बताया कि जांच में पता चला है कि सीधे मजदूरों पर केमिकल का छिड़काव नहीं किया गया. फॉगिंग करते हुए उन पर भी वो चला गया. लेकिन वीडियो कुछ और ही कहानी बयां करता दिख रहा है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कर्मचारी लोगों को बिठाकर उनके ऊपर सीधे केमिकल की बौछार कर रहे हैं. बताया गया कि इन प्रवासियों को पहले आंख बंद करने को कहा गया और उसके बाद केमिकल छिड़काव शुरू किया.

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कार्रवाई के निर्देश?

बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर बरेली जिला प्रशासन की तरफ से कार्रवाई की भी बात कही गई है. बरेली के डीएम ने खुद मामले का संज्ञान लिया है और इसकी जांच करने की बात कही है. रिपोर्ट्स की मानें तो जल्द दोषियों पर कार्रवाई भी हो सकती है.

इस घटना को लेकर नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) ने भी संज्ञान लिया है. NCPCR ने यूपी सरकार से इस लेकर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल इस लॉकडाउन के दौर में मजदूर और अन्य गरीब वर्ग के लोग शहरों से पलायन कर रहे हैं. उनका कहना है कि जब आमदनी नहीं होगी तो शहर में कहां रहेंगे और क्या खाएंगे. ऐसे ही कुछ लोगों को बरेली में बस से उतारा गया. जिसके बाद वहां मौजूद कुछ कर्मचारियों ने उन्हें एक जगह पर बैठने के निर्देश दिए. बैठते ही उन पर सैनिटाइज करने वाला केमिकल छिड़कना शुरू कर दिया. सभी मजदूरों को इस केमिकल से पूरी तरह नहला दिया गया.?

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Published: 30 Mar 2020,04:08 PM IST

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