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कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते देशभर में स्कूल, कॉलेज बंद होने के साथ- साथ, सभी ऑफिस में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर अपनाया जा रहा है. इसका असर मुंबई के डब्बावालों के बिजनेस पर भी पड़ा है. ये डब्बावाले मुंबई की लाइफलाइन हैं, जो सालों से मुम्बइकर्स की जिंदगी आसान बनाते आ रहे हैं, फिर चाहे वो मुंबई के खतरनाक मॉनसून का समय ही क्यों न हो. मुश्किल से मुश्किल घड़ी में, इन डब्बावालों ने मुंबई के लोगों के घर से स्कूल और ऑफिस तक टिफिन पहुंचाया है.
अब कोरोनावायरस को लेकर अपने बिजनेस करियर में पहली बार, मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन ने अपनी सर्विस को कुछ दिनों के लिए रोक दिया है. कोरोनावायरस के प्रकोप को रोकने के लिए, 31 मार्च तक डब्बावालों की सर्विस बंद रहेगी. क्विंट हिंदी ने मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन के अध्यक्ष, सुभाष गंगाराम तालेकर से बातचीत कर, उनसे उनके इस फैसले के बारे में जानने की कोशिश की. तालेकर ने कहा."महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपील की थी कि मुंबई में जहां पर भी ज्यादा भीड़ इकट्ठी होती है, वहां हमें भीड़ कम करनी चाहिए क्योंकि भीड़ में ज्यादा कोरोनावायरस फैलता है. तो उसी वजह से हमने यह फैसला लिया," उन्होंने आगे कहा-
हमने जब ये जानने की कोशिश की कि इस सर्विस को बंद करने से डब्बेवालों के बिजनेस पर कितना फर्क पड़ा है, तो सुभाष तालेकर ने कहा, "पहले एक डब्बेवाला कम से कम 30- 35 टिफिन ले जाता था, लेकिन आज की तारीख में 10- 12 लेकर जा रहा है."
कोरोनावायरस के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए, तालेकर ने बताया कि सावधानी बरतने के लिए, सभी डब्बेवालों ने अभी तक मास्क पहनकर अपनी सर्विस जारी रखी थी. उन्होंने ये भी कहा कि 1 अप्रैल से ये सर्विस फिर से शुरू कर दी जाएगी.
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