Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Covaxin की दोनों डोज लक्षण वाले कोरोना मरीजों पर 50% असरदार, स्टडी में दावा

Covaxin की दोनों डोज लक्षण वाले कोरोना मरीजों पर 50% असरदार, स्टडी में दावा

यह स्टडी हेल्थ वर्कर के बीच किया गया था, जिन्हें मुख्य रूप से कोवैक्सिन दिया गया था.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>Covaxin पर स्टडी</p></div>
i

Covaxin पर स्टडी

(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

कोविड-19 की वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को लेकर एक नई स्टडी सामने आई है. स्टडी के मुताबिक कोवैक्सीन की दोनों डोज कोरोना के सिम्टोमैटिक (लक्षण वाले मरीजों) में 50% प्रभावी है.

द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में एम्स, नई दिल्ली के 2,714 अस्पताल स्टाफ का आंकलन किया गया, जिनमें कोरोनावायरस के लक्षण थे और जिनका इसी साल 15 अप्रैल से 15 मई के बीच आरटी-पीसीआर टेस्ट किया गया था.

ये स्टडी ऐसे समय में किया गया जब भारत में SARS-CoV-2 का डेल्टा वैरिएंट का कहर था और कोरोना के 80% मामलों में यही वेरिएंट पाया गया था. यह स्टडी हेल्थ वर्कर के बीच किया गया था, जिन्हें मुख्य रूप से कोवैक्सिन दिया गया था.

Covaxin, हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ विकसित किया गया है. कोवैक्सिन की दोनों डोज 28 दिन के अंतराल में दी जाती है.

बता दें कि इसी साल जनवरी में को-वैक्सिन को भारत में 18 साल से ऊपर के लोगों में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई थी. साथ ही नवंबर के महीने में WHO ने कोवैक्सिन को आपातकालीन उपयोग सूची (EUL) की मंजूरी दी है.

16 जनवरी से, जब भारत ने हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण शुरू किया, एम्स ने विशेष रूप से अपने 23,000 कर्मचारियों को को वैक्सिन की पेशकश की. स्टडी में 2,714 कर्मचारियों में से 1,617 ने SARS-CoV-2 वैरिएंट के लिए पॉजिटिव पाए गए. सकारात्मक मामलों का मिलान उम्र और लिंग के आधार पर 1:1 के अनुपात का उपयोग करके निगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट से किया गया.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इस साल मई और जुलाई के बीच 11 अस्पतालों में किए गए एक और स्टडी में पाया गया कि कोविशील्ड और कोवैक्सिन दोनों ने गंभीर कोविड-19 के जोखिम को काफी कम कर दिया और 45 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के बीच डेल्टा वैरिएंट का असर भी कम किया. गंभीर कोविड के खिलाफ कोवाक्सिन की दोनों डोज के बाद 69 प्रतिशत और कोविशील्ड की दोनों डोज के बाद 80 प्रतिशत प्रभाव देखने को मिला.

बता दें कि इस मल्टी-सेंटर स्टडी, जिसमें ICMR के शोधकर्ता शामिल थे, को ऑनलाइन प्रीप्रिंट के रूप में पोस्ट किया गया था, और अभी तक इसकी समीक्षा (पीयर- रिव्यू) नहीं की गई है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT