मेडिकल जर्नल द लैंसेट में पब्लिश हुई एक एफिकेसी एनालिसिस के मुताबिक, भारत बायोटेक की कोविड वैक्सीन- Covaxin कोविड-19 के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावी पायी गई. लैंसेट पीयर-रिव्यू ने कहा कि ये एनालिसिस लक्षण वाले 130 कोविड मामलों पर आधारित था.
वैक्सीन ग्रुप में 24 और प्लसीबो ग्रुप में 106 मामले पॉजिटिव पाए गए.
इस बीच, तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के डेटा में पता चलता है कि डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ टीके की एफिकेसी (प्रभावकारिता) 65.2 प्रतिशत है.
द लैंसेट ने एक बयान में कहा कि Covaxin के दो डोज देने के दो हफ्ते बाद वैक्सीन एक मजबूत एंटीबॉडी प्रतिक्रिया देता है.
जर्नल ने कहा कि ट्रायल के दौरान टीके से संबंधित मौत या कोई गंभीर प्रतिकूल घटनाएं दर्ज नहीं की गईं. जर्नल ने आगे कहा कि इंजेक्शन लगने की जगह पर दर्द, सिरदर्द, थकान, बुखार सहित अधिकांश प्रतिकूल घटनाएं हल्की थीं और वैक्सीन के सात दिनों के अंदर हुईं.
कोवैक्सीन को लेकर ये स्टडी, इसे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) से मंजूरी मिलने के एक हफ्ते बाद आई है.
3 नवंबर को Covaxin को WHO से मिली मंजूरी
WHO ने 3 नवंबर को भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को EUL की मंजूरी दी थी. भारत बायोटेक ने अप्रैल 2021 में इसके लिए आवेदन किया था.
WHO की इस मंजूरी के बाद भारत के उन लाखों लोगों को राहत मिलेगी, जिन्हें विदेश यात्रा के दौरान कड़े कोरोना नियमों का पालन करना पड़ रहा था, क्योंकि बिना WHO अप्रूवल के तमाम देश कोवैक्सीन लेने वाले लोगों को कोरोना नियमों में कोई छूट नहीं दे रहे हैं.
कोवैक्सीन को UK सरकार भी जल्द ही ट्रैवलर्स के लिए मंजूरी वाली वैक्सीन लिस्ट में शुमार करेगी. यूनाइटेड किंग्डम (UK) सरकार ने कहा है कि कोवैक्सीन को 22 नवंबर से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए स्वीकृत कोविड टीकों की सूची में जोड़ा जाएगा. इसके बाद, भारत बायोटेक की वैक्सीन लेने वाले लोगों को इंग्लैंड आने के बाद सेल्फ-आइसोलेट नहीं होना पड़ेगा.
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