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एक मशहूर कहावत है ‘जब लड़का-लड़की राजी, तो क्या करेगा काजी’. यह कहावत अविनाश और कीर्ति पर फिट बैठती है क्योंकि जब दोनों ने एक दूसरे के बंधन में बंधने का फैसला किया तो देशव्यापी लॉकडाउन भी उन्हें रोक नहीं सका.
अविनाश और कीर्ति साढ़े तीन साल से एक-दूसरे को जानते हैं और उन्होंने शुरुआत में मध्य प्रदेश के सतना में शाही अंदाज में शादी करने की योजना बनाई थी जिसमें 8000 से अधिक मेहमानों को बुलाने की योजना थी. जब देशव्यापी बंद ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेरा तो दोनों ने डिजीटल माध्यम से शादी करने का फैसला किया.
उनकी शादी गाजियाबाद में वीडियो कॉल के जरिए हुई जबकि मुंबई में एक पुजारी ने अपने घर में शादी को विधिपूर्वक संपन्न कराया. मेहमानों ने दंपत्ति को अपने-अपने घरों से ऑनलाइन आशीर्वाद दिया.
10 देशोx के 200 मेहमान हुए शामिलउनके माता-पिता हिचकिचा रहे थे लेकिन उन्होंने उन्हें आश्वस्त किया कि कोई भी रीति-रिवाज छोड़ा नहीं जाएगा और बाद में उनके माता-पिता राजी हो गए.xx
भारत में शादी बड़ा समारोह होती है जिसमें आमतौर पर माता-पिता बढ़ चढ़कर खर्च करते हैं. सैकड़ों मेहमानों को आमंत्रित किया जाता है और कई दिनों तक जश्न समारोह चलते हैं.
पिछले साल एक-दूसरे से ऑनलाइन मिलने वाले सुशेन और कीर्ति दुनिया को यह साबित करना चाहते हैं कि प्यार कोई सीमा नहीं जानता.
दोनों ने अप्रैल में जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में ‘डेस्टीनेशन वेडिंग’ करने की योजना बनाई थी लेकिन बंद के चलते अपनी योजनाएं बदलनी पड़ी. उन्होंने शादी डॉट कॉम की मदद से मेहमानों को ई-निमंत्रण पत्र भेजा.
उनके दोस्तों के अलावा ऑनलाइन की गई इस शादी के लाइव टेलीकास्ट को 16,000 से अधिक लोगों ने देखा. सुशेन अब बंद खत्म होने का इंतजार कर रहा है ताकि कीर्ति मुंबई में उसके साथ आकर रहने लगे और दोनों एक नए सफर की शुरुआत करें.
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