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कई सरकारों के कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाई पाबंदियों में ढील देने की शुरुआत करने के साथ ही दुनियाभर के स्वास्थ्य अधिकारी लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रहे हैं, ताकि इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में मुश्किल से हासिल की गई जीत को गंवा न बैठे.
लंबी छुट्टियां मनाने जा रहे दक्षिण कोरियाई लोगों से अधिकारियों ने बुधवार को यात्रा करने से पहले दो बार सोचने और मास्क पहनते रहने, भोजन साझा न करने और अगर बीमार महसूस कर रहे हैं, तो घर पर ही रहने का अनुरोध किया. दक्षिण कोरिया के उप स्वास्थ्य मंत्री किम गैंग-लिप ने कहा, ‘‘हमें बड़े पैमाने पर संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एक पल के लिए भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.’’
बुधवार को वहां महज नौ नए मामले आए, जिससे सरकार ने अपने सामाजिक दूरी बनाने संबंधी दिशा-निर्देशों में ढील दी और स्कूलों को फिर से खोलने के लिए तैयार रहने को कहा.
जापान में भी अधिकारियों ने लोगों से देश में आगामी ‘गोल्डन वीक’ अवकाश के दौरान यात्रा न करने के लिए कहा है. गोल्डन वीक जापान में छुट्टियों के सप्ताह को कहा जाता है.दुनिया के अन्य देशों की तरह ही अमेरिका में भी यह बहस शुरू हो गई है कि कब और कैसे देश को फिर से खोला जाए. कुछ राज्यों ने तो कोरोना वायरस से संबंधित पाबंदियों को हटाना शुरू कर दिया है.
फ्रांस, स्पेन और यूनान जैसे देशों ने हाल ही में कारोबारों और स्कूलों को फिर से खोलने की रूपरेखा की घोषणा की. इतालवी बिशपों ने शिकायत की कि इटली सरकार ने देश को फिर से खोलने की अपनी योजना में धार्मिक सभाओं को बहाल करने की पेशकश नहीं दी, जिसके बाद पोप फ्रांसिस ने धार्मिक गतिविधियों पर पाबंदियों को लेकर बहस छेड़ दी. पाबंदियों में ढील दिए जाने पर स्वास्थ्य अधिकारी विषाणु के फिर से फैलने के किसी भी संकेत पर करीबी नजर रखेंगे.
जर्मनी में एक हफ्ते पहले छोटे कारोबारों को खोलने की अनुमति दिए जाने के बाद से संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी गई. हालांकि, अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि क्या पाबंदियों में ढील इसके लिए जिम्मेदार है. विषाणु से निपटने के लिए तुरंत हरकत में आने के लिए सराहे गए सिंगापुर में प्रवासी कामगारों में संक्रमण का नया दौर शुरू होने के बाद सरकार को अपने सामाजिक दूरी संबंधी नियमों की अवधि जून तक बढ़ानी पड़ी.
चीन में सरकार ने एलान किया कि उसका संसद सत्र अगले महीने आयोजित किया जाएगा. यह इस बात का संकेत है कि चीन काफी हद तक इस वैश्विक महामारी पर काबू पा चुका है. अमेरिका के जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के अनुसार, दुनियाभर में संक्रमण के 31 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं और 217,000 लोगों की मौत हुई है.
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