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मुस्लिम देशों के संगठन OIC ने भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर चिंता जताई है. इस पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि भारत मुसलमानों के लिए स्वर्ग है और जो लोग देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं वो मुस्लिम समुदाय के दोस्त नहीं हो सकते. उन्होंने यह भी कहा कि देश में अल्पसंख्यकों के धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं.
नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सभी वर्गों का विकास हो रहा है और इसमें किसी के साथ भेदभाव नहीं हो रहा है. मंत्री ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब ओआईसी ने गत रविवार को भारत से अनुरोध किया था कि वह अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की रक्षा करने और देश में ‘इस्लामोफोबिया’ (इस्लाम धर्म के प्रति पूर्वाग्रह) की घटनाओं को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाए.
मंत्री ने कहा कि भारत मुसलमानों और सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लिए स्वर्ग है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तुष्टिकरण के बिना सशक्तिकरण की भावना के साथ सबको विकास में जोड़ा जा रहा है.
बता दें कि इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) ने 19 अप्रैल को भारत से अनुरोध किया कि वह अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की रक्षा करने और देश में ‘इस्लामोफोबिया’ (इस्लाम धर्म के प्रति पूर्वाग्रह) की घटनाओं को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाए. ओआईसी के स्वतंत्र स्थायी मानवाधिकार आयोग (आईपीएचआरसी)ने एक ट्वीट में यह भी कहा कि भारतीय मीडिया मुस्लिमों की नकारात्मक छवि बना रही है और उनके साथ भेदभाव कर रही है.
अब केंद्रीय मंत्री नकवी के मुताबिक संकट के समय में भी कुछ लोग दुष्प्रचार और फर्जी खबरों के माध्यम से देश की इस ताकत को कमजोर करने की साजिश में लगे हुए हैं. मंत्री के मुताबिक देश का माहौल खराब कर रहे लोग भारतीय मुसलमानों के दोस्त नहीं हो सकते. उन्होंने कहा,
नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट हो कर धर्म-क्षेत्र-जाति की संकीर्ण सीमाओं से ऊपर उठ कर कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. रमजान में लोगों से घर पर इबादत और इफ्तार करने की अपील करते हुए नकवी ने कहा कि देश के सभी मुस्लिम धर्म गुरुओं, इमामों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों एवं भारतीय मुस्लिम समाज ने संयुक्त रूप से कुछ दिनों में शुरू हो रहे रमजान के पवित्र महीने में घरों पर ही रह कर इबादत, इफ्तार एवं अन्य धार्मिक कर्त्तव्यों को पूरा करने का निर्णय लिया है.
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