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दुनियाभर में कोरोना वायरस के कहर के बीच लोगों को बस एक चीज का इंतजार है और वो है कोरोना की दवाई या वैक्सीन. इसे लेकर दुनिया के कई बड़े साइंटिस्ट दिन-रात रिसर्च में जुटे हैं. लेकिन इसी बीच भारत में बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि उन्होंने कोरोना की दवा ‘कोरोनिल’ तैयार कर ली है. इस दावे के तुरंत बाद ही सरकार ने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है और पतंजलि से तुरंत इसका प्रूफ देने को कहा गया.
अब केंद्र के बाद उत्तराखंड सरकार की तरफ से भी बाबा रामदेव की इस दवाई को लेकर बयान सामने आया है. जो पतंजलि के दावे के बिल्कुल उलट दिखता है.
उत्तराखंड आयुर्वेद डिपार्टमेंट के लाइसेंस ऑफिसर ने इस मामले को लेकर कहा,
जारी किए गए नोटिस में पूछा गया है कि, पतंजलि को कोरोना किट न्यूज चैनलों पर दिखाने की इजाजत कहां से मिली? ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 के नियम170 के तहत उत्पाद का विज्ञापन करने के लिए लाइसेंस अथॉरिटी से परमिशन लेनी होती है. DMRI 1954 के अंतर्गत इस तरह के क्लेम करना वैधानिक नहीं है.
इस बीच रामदेव की भी प्रतिक्रिया सामने आई है, उन्होंने ट्वीट किया है-
बाबा रामदेव की तरफ से कोरोना की दवाई बनाने को लेकर किए गए दावे पर आयुष मंत्रालय ने एक बयान जारी किया. जिसमें बताया गया कि इसे लेकर मंत्रालय को कोई भी जानकारी नहीं है. मंत्रालय ने पतंजलि को याद दिलाया कि इस तरह की दवाई को लेकर प्रचार करना ड्रग एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट के तहत आता है. वहीं इसके लिए आयुष मंत्रालय की तरफ से जारी गाइडलाइंस का पालन भी किया जाना चाहिए था.
बता दें कि केंद्रीय मंत्रालय की तरफ से पतंजलि के अलावा उत्तराखंड सरकार की लाइसेंस अथॉरिटी से भी सवाल पूछे गए थे. केंद्र ने पूछा कि आखिर कोरोना की इस दवा को अप्रूवल कैसे मिला? जिसके बाद अब उत्तराखंड सरकार की तरफ से ये सफाई सामने आई है.
सरकार की तरफ से जवाब मांगे जाने के बाद पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण की सफाई सामने आई थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि कंपनी ने सभी पैरामीटर को फॉलो किया है और अब इसकी जानकारी आयुष मंत्रालय को दे दी गई है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,
पतंजलि आयुर्वेद ने मीडिया के सामने आकर ये दावा किया कि उन्होंने कोरोना की दवा तैयार कर ली है. उनका कहना था कि ये दवाई पूरी रिसर्च के बाद तैयार की गई है और कई मरीजों पर इसका ट्रायल भी किया गया है, जिसका रिजल्ट पॉजिटिव आया है. इसे लेकर बाबा रामदेव ने कहा था,
"आज हम ये कहते हुए गौरव अनुभव कर रहे हैं कि कोरोना की पहली आयुर्वेदिक, क्लीनिकली कंट्रोलड, ट्रायल, एविडेंस और रिसर्च आधारित दवाई पतंजलि रिसर्च सेंटर और NIMS के संयुक्त प्रयास से तैयार हो गई है."
बाबा रामदेव का दावा है कि’ इस दवाई पर दो ट्रायल किए हैं, 100 लोगों पर क्लीनिकल स्टडी की गई उसमें 95 लोगों ने हिस्सा लिया. 3 दिन में 69 प्रतिशत मरीज ठीक हो गए और 7 दिन में 100% मरीज ठीक हो गए, इस आयुर्वेदिक दवाई का नाम कोरोनिल है.
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