Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बेलगाम होता कोविड: UP, पंजाब... पांचों चुनावी राज्यों में क्या है स्थिति?

बेलगाम होता कोविड: UP, पंजाब... पांचों चुनावी राज्यों में क्या है स्थिति?

7 जनवरी को भारत में कोविड के एक लाख से ज्यादा मामले रिपोर्ट किए गए.

आकांक्षा सिंह
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>भारत में कोविड के नए केस एक लाख तक पहुंचे</p></div>
i

भारत में कोविड के नए केस एक लाख तक पहुंचे

(फोटो: PTI)

advertisement

पिछले एक हफ्ते में कोरोना के मामलों ने जिस तेजी से रफ्तार पकड़ी है, ये तीसरी लहर की शुरुआत की ओर इशारा कर रहा है और इन सबके बीच विधानसभा चुनावों का होना एक बड़ा सवाल है. साल 2020 में कोविड की दूसरी लहर में भारत ने तबाही का खतरनाक मंजर देखा है. पिछले साल भी चुनावों को लेकर सवाल उठे थे. पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में हुए इन चुनावों के लिए राजनीतिक पार्टियों ने जमकर प्रचार किया था. बड़ी-बड़ी रैलियां और रोड शो आयोजित किए गए थे, जिसमें कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ी थीं और भारी संख्या में भीड़ इकट्ठी हुई थी.

अगले कुछ महीनों में पांच राज्यों में फिर चुनाव होने हैं- उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर.

अप्रैल-मई में कोविड की दूसरी लहर में लाखों जानें गईं, लेकिन इससे भी हमने कुछ नहीं सीखा. इस बार भी हम वक्त रहते सचेत नहीं पाए हैं. कुछ दिनों पहले तक, आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर रैलियां आयोजित की जा रही थीं. इन रैलियों में जमकर भीड़ इकट्ठा हो रही थी. कोविड के मामले बढ़े तो अब जाकर पार्टियां हरकत में आई हैं और कुछ ने कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है.

7 जनवरी को भारत में कोविड के एक लाख से ज्यादा मामले रिपोर्ट किए गए. 6 जनवरी को करीब 91 हजार मामले सामने आए थे. देश में अब एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 3 लाख पार कर गई है.

तीसरी लहर की आशंका के बीच देखते हैं कि चुनावी राज्यों में मामलों का क्या हाल है?

आने वाले कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव होने हैं. इन पांचों राज्यों में कोविड के मामलों में तेजी से उछाल देखा जा रहा है. पांचों राज्य में अभी इतने एक्टिव मामले हैं:

पांचों राज्यों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पंजाब और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं, लेकिन इन दोनों ही राज्यों में अब तक चुनावी रैलियों पर कोई प्रतिबंध नहीं था और चुनाव प्रचार जोरों-शोरों से चल रहा था.

हरकत में आईं पार्टियां, रद्द किए कई कार्यक्रम

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कांग्रेस ने सभी चुनावी राज्यों में रैलियों को स्थगित कर दिया है. कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस ने यूपी और दूसरे चुनावी राज्यों में बड़ी रैलियों को स्थगित करने का फैसला किया है. पार्टी ने अपनी राज्य इकाइयों को जमीनी स्थिति का आकलन करने और ये तय करने के लिए कहा है कि पहले से आयोजित राजनीतिक कार्यक्रमों के साथ आगे बढ़ना है या नहीं.

वहीं, उत्तर प्रदेश में 6 जनवरी को होने वाले एक सरकारी कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शामिल होना था.

समाजवादी पार्टी भी अपने आयोजनों को स्थगित कर रही है. पार्टी ने अपनी विजय रथ यात्रा को रद्द कर दिया है. एसपी प्रमुख अखिलेश यादव 7 से 9 जनवरी तक गोंडा, बस्ती और अयोध्या में अपनी रथयात्रा निकालने वाले थे.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की चुनाव टालने की मांग

कोविड के खतरे को देखते हुए, कुछ दिनों पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से चुनावों को टालने और चुनावी रैलियों पर प्रतिबंध लगाने की अपील की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर यादव ने पीएम और चुनाव आयोग से अपील करते हुए कहा था,

"लोगों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए राजनीतिक दलों की चुनावी रैलियों पर बैन लगाना चाहिए. उन्हें टीवी और न्यूजपेपर के जरिए अपना चुनावी कैंपेन चलाने को कहना चाहिए. चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों की बैठकों और रैलियों को लेकर सख्त कदम उठाने चाहिए. साथ ही चुनाव को आगे बढ़ाने पर विचार करना चाहिए. क्योंकि जान है तो जहान है..."

ऑल इंडिया बार एसोसिएशन (AIBA) ने 2 जनवरी को चुनाव आयोग से आगामी विधानसभा चुनाव रोकने की मांग की.

'चुनाव कराने के पक्ष में हैं राजनीतिक पार्टियां'

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने 30 दिसंबर को कहा कि उत्तर प्रदेश में सभी राजनीतिक दल यूपी विधानसभा चुनाव को कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक कराने के पक्ष में थे.

EC को मद्रास हाईकोर्ट से लग चुकी है फटकार

2020 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद आई कोविड की खतरनाक दूसरी लहर और लाखों मौतों को लेकर मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी. हाईकोर्ट ने यहां तक कह दिया था कि इसके लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों पर हत्या का केस दर्ज होना चाहिए.

अब तीसरी लहर के खतरे और ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच ये देखना अहम होगा कि क्या चुनाव आयोग हाईकोर्ट्स और एक्सपर्ट्स की सलाह पर चुनाव रद्द कराएगा या नहीं. और अगर चुनाव रद्द नहीं होते हैं, तो किन एहतियात के साथ चुनाव कराए जाते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 07 Jan 2022,12:13 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT