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भारत के चुनाव आयोग(Election Commission) ने चुनाव वाले पांच राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कोविड के टीकाकरण(Vaccination) की गति को तेज करने के लिए कहा है. यह फैसला तब किया गया जब चुनाव आयोग के पोल पैनल ने मणिपुर में पहली डोज के कम प्रतिशत पर चिंता व्यक्त की. इस साल उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव होने हैं.
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि आयोग ने पिछले हफ्ते लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में मतदान वाले राज्यों में टीकाकरण में तेजी लाने की आवश्यकता पर जोर दिया था. प्रेस मीट में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि चुनाव आयोग ने राज्यों से टीकाकरण कवरेज बढ़ाने के लिए कदम उठाने को कहा था.
इससे पहले, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से "कड़े कदम उठाने" और बढ़ते मामलों और संभावित तीसरी लहर को देखते हुए रैलियों, बैठकों और चुनावों को "रोकने और स्थगित करने" पर विचार करने का आग्रह किया था.
हालांकि, बाद में चुनाव आयोग ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सभी दल चाहते हैं कि विधानसभा चुनाव तय कार्यक्रम के अनुसार हों. चुनाव आयोग ने कहा, "सभी राजनीतिक दलों ने बिना किसी मतभेद के कहा कि चुनाव समय पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कराए जाएं."
यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव आयोग चुनाव स्थगित करने पर विचार करेगा, चंद्रा ने कहा था, “चुनाव आयोग संविधान के अनुसार उसे सौंपी गई जिम्मेदारी को पूरा करेगा. उस जिम्मेदारी को निभाते हुए, जो भी विचार करने की आवश्यकता होगी - या तो बढ़ती कोविड संख्या या बढ़ती रैलियों का प्रबंधन - चुनाव की घोषणा उस पर विचार करने के बाद की जाएगी. ”
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