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कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को एकजुट रहने को कहा है. साथ ही 5 अप्रैल को रात 9 बजे, 9 मिनट तक अपने घरों की लाइट बंद कर दीया, मोमबत्ती और मोबाइल फ्लैश लाइट जलाने की अपील की है. कांग्रेस अध्यक्ष राहलु गांधी का कहना है कि टॉर्च जलाने या ताली बजाने से ये दिक्कत दूर नहीं होने वाली है.
वहीं पीएम की अपील के बाद कुछ लोग पॉवर ग्रिड फेल होने को लेकर चिंता भी जता रहे हैं.कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस मामले में नसीहत दी है कि, आशा है सरकार पॉवर ग्रिड का ध्यान रखेगी.
प्रियंका गांधी ने कहा है कि,
पीएम के अपील पर महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने पॉवर ग्रिड फेल होने की चिंता व्यक्त करते हुए लोगों से लाइट ना बंद करते हुए दिए या मोमबत्ती जानने की बात कही है.
राउत का कहना है की एक साथ सभी लाइटें बंद होने से डिमांड और सप्लाई में भारी अंतर की वजह से फ्रीक्वेंसी में असर पड़ेगा और ग्रिड भी फेल हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो इसका सीधा परिणाम आपातकालीन सेवाओं पर पड़ेगा.
राउत के बयान पर बीजपी विधायक राम कदम जेपी विधायक राम कदम ने एक वीडियो जारी कर राउत के ज्ञान पर सवाल उठाते हुए कहा- मंत्री महोदय अगर किसी जानकार व्यक्ति से बात कर अपनी बात रखते तो अच्छा होता.’’ उन्होंने आगे कहा, व्हॉट्सएप मेसेज के आधार पर बोलना ठीक नहीं है. मंत्री को ये तो पता होगा की लोग हर रात को अपने घरों की लाइट बंद करते हैं और सुबह उठने के बाद बिजली का उपयोग शुरू होता है. ऐसे में क्या रोज पावर ग्रिड फेल होता है? मुझे लगता है की महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना संकट में लोगों की मदद पर ध्यान देने की ज़रूरत है.
लेकिन महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री के बयान के बाद निश्चित तौर पर लोगों में भारी भ्रम की स्थिति है. लिहाजा केंद्र सरकार को बयान जारी कर अपनी बात रखनी चाहिए, नहीं तो कोरोना संकट से लड़ रही जनता के सामने कही बिजली का संकट ना पैदा हो जाये.
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