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वीडियो एडिटर: पुनीत भाटिया
भारत में 1 मई से 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए कोविड वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. हालांकि, 45+ आयु वर्ग की तरह, वो सीधा वैक्सीनेशन सेंटर पर जा कर टीका नहीं लगवा सकते हैं. इसके लिए उन्हें पहले CoWIN ऐप या वेबसाइट पर स्लॉट बुक करवाना पड़ेगा. कागजों पर देखा जाए, तो ये वैक्सीनेशन के लिए आसान प्रक्रिया दिखती है. ऑनलाइन स्लॉट बुक कराएं और जा कर वैक्सीन लगवाएं. लेकिन जमीनी हकीकत क्या है?
भारत में युवाओं को CoWIN ऐप/वेबसाइट पर किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, ये जानने के लिए क्विंट दिल्ली-नोएडा के झुग्गी-झोपड़ियों और गुवाहटी के एक गांव पहुंचा. ग्राउंड रिपोर्ट में पता चलता है कि कई लोगों को मालूम ही नहीं है कि वैक्सीन लगवाने के लिए उन्हें पहले ऐप/वेबसाइट पर रजिस्टर करना पड़ेगा. कई लोगों को CoWIN की जानकारी ही नहीं, कई को ये नहीं मालूम कि इसे कैसे इस्तेमाल करना है, और कई लोग ऐसे भी हैं जिनकी इंटरनेट या स्मार्टफोन तक पहुंच नहीं है.
नोएडा के निठारी गांव में रहने वाले बृजपाल प्लम्बर के तौर पर काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद उनके पास ज्यादा कस्टमर नहीं रहे. अब वो अपने कमरे के बाहर फल बेचते हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें टीकाकरण प्रक्रिया के बारे में जानकारी है, तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया.
हम बृजपाल जैसे कई लोगों से मिले, जिन्हें वैक्सीनेशन प्रक्रिया या ऐप/वेबसाइट की जानकारी नहीं है.
क्विंट गुवाहटी के एक वैक्सीनेशन सेंटर पहुंचा, जहां टीकाकरण ठीक से चल रहा था, लेकिन शहर से आगे जाने पर हकीकत सामने आ गई. पानीखैती गांव में लोग इंटरनेट की समस्या से जूझ रहे हैं.
प्रियंका 1 मई से CoWIN ऐप पर स्लॉट बुक कराने की कोशिश में लगी हैं, लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिल पाई. पानीखैती में लगभग सभी लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं. यहां युवाओं के पास स्मार्टफोन्स हैं और उन्हें मालूम है कि कैसे रजिस्टर करना है, लेकिन इंटरनेट नहीं है.
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