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रविवार को देश के कई प्रस्तावित कोविड वैक्सीन केंद्रों पर ड्राईरन (पूर्वाभ्यास) का आयोजन किया जा रहा है. बता दें पहले आंध्रप्रदेश, गुजरात, पंजाब और असम की कुछ जगहों पर ड्राई रन का आयोजन हो चुका है.
बता दें सीरम इंस्टीट्यूट की कोविडशील्ड वैक्सीन को भारत में आपात उपयोग की अनुमति दी जा चुकी है. ऐसे में ड्राई रन का पूरा कार्यक्रम वास्तविक वैक्सीनेशन के पहले बहुत अहम हो जाता है.
जानें इस पूरे कार्यक्रम के बारे में दस बड़ी बातें:
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, ड्राईरन का उद्देश्य "कोरोना वैक्सीनेशन के पहले पूर्वाभ्यास है, ताकि वास्तविक माहौल में को-विन एप्लीकेशन के जरिए पूरी प्रक्रिया की व्यवहार्यता का आंकलन किया जा सके और चुनौतियों को समझा जा सके."
महाराष्ट्र: पुणे जिले के सांघवी जिला अस्पताल में वैक्सीन ड्राई रन शुरू हुआ. इस ड्रिल के लिए करीब 25 स्वास्थ्यकर्मी हिस्सा ले रहे हैं. वहीं जालना में वैक्सीन रोल ऑउट के पहले आयोजित किए जा रहे ड्राई रन की तैयारियों का जायजा लेने राज्य स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे पहुंचे.
आंध्रप्रदेश: हैदराबाद के गांधी अस्पताल और विशाखापट्टनम के सरकारी ENT हॉस्पिटल में भी ड्राई रन हो रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पूरे देश में शनिवार को 116 जिलों में 259 जगहों पर COVID-19 वैक्सीन के लिए ड्राई रन होगा.
दिल्ली: वेंक्टेश्वर अस्पताल में हो रहा है ड्राई रन. जीटीबी हॉस्पिटल और दरियागंज के एक अस्पताल में भी ड्राई रन का आयोजन किया गया.
हर वैक्सीन सेंटर में को-विन डाटाबेस के जरिए लोगों की आईडी प्रमाणित की जाएगी. इसके लिए लोगों का सारा डाटा, को-विन डाटाबेस में डाला जाएगा, जिसमें रजिस्ट्रेशन और आगे के चरण की प्रक्रिया भी शामिल होगी.
को-विन (CoWIN- वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) एक डिजिटल इंटेलिजेंस नेटवर्क है, जो एक दिन के वैक्सीनेशन प्रोग्राम को संचालित करता है.
मॉक ड्रिल/ड्राई रन में रजिस्ट्रेशन, वेरिफिकेशन, मॉक वैक्सीनेशन और पोस्ट शॉट ऑब्जर्वेशन की प्रक्रिया शामिल है. यह पूरी प्रक्रिया एक तीन कमरे के सेटअप में की जा रही है.
इसके तहत पहले वैक्सीन देने वालों की आधार कार्ड के जरिए आइडेंटिफिकेशन रूम में पहचान की जाएगी और उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा.
इसके बाद उन्हें वैक्सीनेशन रूम में ले जाया जाएगा, जहां इस प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षित किया गया स्टॉफ उन्हें वैक्सीन लगाएगा.
वैक्सीन लगने के बाद व्यक्ति को ऑब्जर्वेशन रूम में भेजा जाएगा, जहां आधे घंटे तक उन पर निगरानी रखी जाएगी. पूरे सेंटर में जगह की कमी ना आने देने का खास ख्याल रखा जा रहा है.
केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि ड्राई रन में हर चीज की विस्तार से जांच की जा रही है. इसमें वैक्सीन की सुरक्षा के बारे में कोई अफवाह नहीं फैलनी चाहिए. पोलियो वैक्सीन के वक्त भी पहले बहुत सारी अफवाहें फैली थीं. लेकिन जब वह धरातल पर आया, तो सभी उसकी के प्रति आश्वस्त हो गए थे.
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