Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बुलंदशहर हिंसा: ‘गोमांस’ और बेकाबू भीड़ के पीछे छिपे हैं कई सवाल

बुलंदशहर हिंसा: ‘गोमांस’ और बेकाबू भीड़ के पीछे छिपे हैं कई सवाल

जानिए बुलंदशहर कथित गौकशी मामले में पहलुओं को जो अब तक सामने नहीं आएं 

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
बुलंदशहर में हिंसक भीड़ ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया 
i
बुलंदशहर में हिंसक भीड़ ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया 
(Photo: PTI)

advertisement

बुलंदशहर के कथित गोकशी मामले में पुलिस की शुरुआती जांच और चश्मदीदों की बातों से कुछ तथ्य सामने आए हैं. ये तथ्य इस बात की ओर इशारा करते हैं कि 3 दिसंबर की हिंसा सुनियोजित ढंग से, इलाके में सांप्रदायिकता फैलाने के इरादे से की गई थी.

पुलिस ने इस पूरे मामले में बजरंग दल के नेता योगेश राज समेत कुल 27 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इसके अलावा तकरीबन 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.

जिस तरह इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया गया, उस पर कई ऐसे सवाल उठ रहे हैं, जिसके जवाब अब तक सामने नहीं आए हैं.

गाय के अवशेष खुले खेत में कैसे पहुंचे?

तहसीलदार राजकुमार महाव गांव में स्पॉट पर सबसे पहले पहुंचने वालों में से एक हैं. उन्होंने न्यूज 18 को बताया कि जब वो यहां पहुंचे, तो देखा कि गन्ने के खेत में गाय का सिर और चमड़े लटके हुए हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई गोहत्या के इरादे से ऐसा करेगा, तो वो इस तरह गाय के अवशेष खुले में नहीं फेंकेगा. अधिकारी ने बताया कि केवल गोहत्या की मंशा से कोई ऐसा नहीं करेगा.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

कैसे इकट्ठी हो गई 300-500 की भीड़?

तहसीलदार ने बताया कि गोमांस की खबर पाते ही बड़ी संख्या में बजरंग दल सहित विभिन्न हिंदू संगठन के लोग बड़ी तादाद में इकट्ठा हो गए. इसके बाद यहां जमा हुए लोग गाय की बॉडी को ट्रैक्टर में रखकर गढ़मुक्तेश्वर हाइवे की तरफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए चले गए.

घटना की जगह और समय संदेह पैदा करते हैं?

बुलंदशहर में तीन दिन का तब्लीगी जमात का इज्तेमा चल रहा था. यह घटना इज्तेमा के तीसरे दिन ही हुई. इज्तेमा में तकरीबन 10 लाख लोग इकट्ठा हुए थे. इनमें बड़ी तादाद में लोगों को उसी हाइवे से निकलना था, जहां पर प्रदर्शनकारी जमा हुए थे.

बेकाबू भीड़ ने पुलिस थाने में रखी गई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था(फोटोः DD_News)

प्रदर्शनकारी हाइवे के पास चिंगरावठी पुलिस स्टेशन पर ट्रैक्टर में सवार होकर पहुंचते हैं और पथराव शुरू कर देते हैं. पुलिस समझाने की कोशिश करती है, लेकिन भीड़ बेकाबू हो जाती है.

शहीद पुलिस अधिकारी दादरी कांड के भी इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर थे

सियाना थाने के एसएचओ सुबोध कुमार चिंगरावठी पुलिस चौक पर भीड़ को काबू करने की कोशिश कर रहे थे. उसी दौरान उनकी गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई. न्यूज 18 के संवाददाता के मुताबिक, कई पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद थे, लेकिन भीड़ ने घायल सुबोध कुमार को अस्पताल नहीं जाने दिया.

पुलिस ने बताया कि घायल एसएचओ के साथ बाकी पुलिस अधिकारी भी भीड़ से घिरे थे.

सुबोध कुमार ग्रेटर नोएडा के दादरी अखलाक हत्याकांड में 28 सितंबर, 2015 से 9 नवंबर, 2015 तक इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर थे.सुबोध कुमार ने अखलाक हत्याकांड केस को अंजाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 04 Dec 2018,11:00 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT