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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा के मामले में कथित संलिप्तता को देखते हुए पुलिस ने मंगलवार को चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हालांकि, बजरंग दल का नेता और घटना का मुख्य आरोपी योगेश राज अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
पुलिस ने मंगलवार को कहा कि चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन मुख्य आरोपी, बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज फरार है. उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में 27 लोगों को नामजद किया गया है जबकि 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि 27 में से कम से चार व्यक्ति बजरंग दल जैसे दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ता और पदाधिकारी हैं.
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बुलंदशहर में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मारे गए युवक सुमित के पिता ने सरकार को चुनौती दी है. उनका कहना है कि पिछले तीन दिनों से उन्होंने कुछ भी नहीं खाया है. उन्होंने कहा, जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं की जाती और सुमित का नाम एफआईआर से नहीं हटाया जाता तब तक हम खाना नहीं खाएंगे. चाहे अंत में हमारी मौत भी हो जाए.
बुलंदशहर में हुई हिंसा के दौरान अपनी जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ चुकी है. जिसमें पता चला है कि उनके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे. साथ ही किसी धारदार हथियार से उन पर वार किया गया. इसके अलावा रिपोर्ट में गोली लगने से उनकी मौत होने की बात है.
बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज ने वीडियो जारी कर सफाई दी है. योगेश राज ने कहा है कि पुलिस उसे मुख्य आरोपी के तौर पर पेश कर रही है, जबकि उसका हिंसा की घटना से कोई लेना देना नहीं है.
योगेश राज ने वीडियो में कहा-
बुलंदशहर में स्याना के कथित गोकशी मामले में पुलिस ने बच्चों को आरोपी बनाया है. गोकशी के मामले में आरोपी बनाए गए बच्चों की उम्र 10-11 साल है. बच्चों के पिता का कहना है, ‘मेरे बेटे शाजिद की उम्र 10-11 साल है और भतीजे अनस की उम्र भी लगभग इतनी ही है. पुलिस हमको परेशान कर रही है. पुलिस का कहना है कि इनका नाम गोकशी में है.’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया ओपी सिंह ने भी बुलंदशहर हिंसा को बड़ी साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा, ‘बुलंदशहर में जो घटना घटित हुई वो बड़ी साजिश है. ये केवल कानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं है. सवाल ये है कि आखिर उस जगह पर मवेशियों को अवशेष कैसे पहुंचे? किसने उन्हें क्यों और किन परिस्थितियों में वहां पहुंचाया.’
बुलंदशहर में भीड़ की हिंसा में कथित संलिप्तता के लिए पुलिस ने मंगलवार को चार आरोपियों को गिरफ्तार किया. हालांकि, बजरंग दल के नेता और घटना का मुख्य आरोपी योगेश राज अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
पुलिस ने मंगलवार को कहा कि चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन मुख्य आरोपी, बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज फरार है. उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में 27 लोगों को नामजद किया गया है जबकि 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि 27 में से कम से चार व्यक्ति बजरंग दल जैसे दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ता और पदाधिकारी हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा को लेकर मंगलवार शाम अफसरों की बैठक बुलाई. इस बैठक में सीएम योगी ने निर्देश दिया कि इस घटना की गंभीरता से जांच कर गोकशी में संलिप्त सभी व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए.
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव गृह, खुफिया विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक के साथ बैठक की. उन्होंने इस गंभीर घटना की समीक्षा कर निर्देश दिया कि इस घटना की गंभीरता से जांच कर गोकशी में संलिप्त सभी व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए.
मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा है कि बुलंदशहर हिंसा में मारे गए सुमित कुमार का नाम FIR से हटाया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘मृतक (सुमित) का नाम FIR में है, लेकिन क्योंकि उसकी मौत हो चुकी है. इसलिए उसका अपराध साबित होते हुए भी उसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा. घटना की जांच के लिए राज्य सरकार ने SIT गठित की है, ऐसे में अब निर्णय एसआईटी ही ले सकेगी.’
बुलंदशहर से बीजेपी विधायक भोला सिंह ने कहा है कि जिला प्रशासन ने हिंसा में मारे गए सुमित कुमार के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद दिए जाने का ऐलान किया है. इसके अलावा जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री से मृतक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने की अपील भी की जाएगी.
मानवाधिकारों पर नजर रखने वाली संस्था एमनेस्टी इंडिया ने बुलंदशहर हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या की निंदा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में ‘‘भय, नफरत और सजा का डर ना होने की संस्कृति फैली हुई है.''
एमनेस्टी इंडिया ने एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में कथित गोरक्षा से जुड़ी हिंसा फैलाने वालों को सजा देने के प्रति जो निष्क्रियता रही है, यह हमला उसी का नतीजा है. बयान में कहा गया है-
मोहम्मद अखलाक की हत्या के मामले में दिवंगत इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह पहले जांच अधिकारी थे. गो मांस खाने के शक में 2015 में उत्तर प्रदेश के दादरी में उग्र भीड़ ने अखलाक की पीट पीट कर हत्या कर दी थी.
एमनेस्टी इंडिया की प्रोग्राम निदेशक अस्मिता बसु ने कहा कि उत्तर प्रदेश की दुखद सच्चाई यह है कि कोई भी, स्वघोषित गो रक्षकों की हिंसा से सुरक्षित नहीं है, ना तो पुलिस और ना ही हाशिये पर आए समुदाय या फिर कोई भी. उन्होंने कहा-
बासु ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जिन धार्मिक विभाजनों को बढ़ावा दिया है उससे आम लोगों में भेदभाव, कटुता और हिंसा का खतरा बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि इसे फौरन खत्म होना चाहिए और सरकार को सभी लोगों के अधिकारों का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बुलंदशहर हिंसा में एक इंस्पेक्टर और एक युवक के मारे जाने की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है.
आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई' से कहा- एनएचआरसी ने मीडिया रिपोर्टों पर स्वत: संज्ञान लिया और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी करके इस घटना के संबंध में उपद्रवियों के खिलाफ की गई कार्रवाई समेत एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
आयोग ने नोटिसों में कहा है कि यह ‘‘हिंसक विरोध और उग्र भीड़ द्वारा किये उपद्रव की एक और घटना है जिससे अराजकता और संवेदनशील मुद्दों तथा स्थितियों से निपटने में प्रशासन की विफलता उजागर हो गई है.
बुलंदशहर हिंसा मामले के तीन आरोपियों को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
बुलंदशहर हिंसा में मारे गए युवक के परिवार ने मृतक का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है. मृतक के परिवार ने सरकार से 50 लाख रुपये मुआवजा, माता-पिता को पेंशन और मृतक के भाई को पुलिस में नौकरी दिए जाने की मांग की है.
परिवार का कहना है कि जब तक सरकार मांगों को पूरा करने का आश्वासन नहीं देती, तब तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक सुमित कुमार के पिता अमरजीत ने हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के समान ही अपने बेटे का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से किए जाने की भी मांग की है.
बता दें कि बुलंदशहर हिंसा में गोली लगने से घायल हुए सुमित को मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी.
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने बुलंदशहर हिंसा की निंदा की है. उन्होंने कहा है कि इस तरह की घटनाओं की इजाजत नहीं दी जा सकती.
उन्होंने कहा-
दिवंगत इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पत्नी रजनी सिंह ने आरोप लगाया है कि पुलिस विभाग उनके पति के साथ न्याय नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘मेरे पति बहुत दिलेर थे. वह पूरी ईमानदारी से नौकरी करते थे. लेकिन आज पुलिस विभाग उनके साथ न्याय नहीं कर रहा है.’
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बुलंदशहर हिंसा के लिए यूपी सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये और गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा-
बलिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने दावा किया है कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत पुलिस की गोली से ही हुई है. उन्होंने दावा किया कि इंस्पेक्टर की मौत में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की कोई भूमिका नहीं है.
बलिया के रोहनिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा, 'मुझे संदेह है कि इंस्पेक्टर की मौत पुलिस की ओर से चलाई गई गोली से हुई है. बजरंग दल के कार्यकर्ता पथराव में शामिल हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने गोली नहीं चलाई.'
बुलंदशहर हिंसा के एक आरोपी जितेंद्र की मां रतन ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में दावा किया है कि पुलिस ने उनके घर में तोड़फोड़ की है. उन्होंने बताया, 'मैं घर में नहीं थी. लेकिन गांव वालों ने मुझे बताया कि करीब 70 पुलिसवाले आए थे. इनमें एक भी महिला पुलिसकर्मी नहीं थी. वो लोग आए, उन्होंने हमारे घर में तोड़-फोड़ की, हमारी बहू को भी पीटा. वो अस्पताल में भर्ती है.'
बुलंदशहर हिंसा के चश्मदीद महेश चंद्र ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "पुलिस ने लाठी चार्ज किया, इसके बाद पब्लिक भड़क गई." उन्होंने बताया कि मौके पर जमा भीड़ में से नारेबाजी कोई नहीं कर रहा था.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा, ‘बुलंदशहर में मुसलमानों का हर साल एक कार्यक्रम होता है, जिसमें बड़ी संख्या में मुसलमान जुटता है, जो खबर वहां से मिल रही है, उसके मुताबिक, वहां लगभग 15-16 लाख मुस्लिम जुटे थे. तो योजनाबद्ध तरीके से विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, आरएसएस और अब तक बीजेपी का भी नाम आ रहा है. जो वीडियो सामने आ रहे हैं, उनमें कहा जा रहा है कि पहले से योजना तैयार करके कि इतनी बड़ी संख्या में मुसलमान आया है, उसे दंगे की चपेट में लेकर चला जाए. ये योजना के तहत हुआ, जिसमें इंस्पेक्टर की हत्या हुई. ये हिंदू की दुहाई देते हैं और हिंदू की हत्या करते हैं.’
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां ने कहा, 'एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है. लेकिन एसआईटी को ये भी पता लगाना चाहिए कि वहां मांस लेकर कौन आया था. क्योंकि जिस जगह पर गोवंश के अवशेष मिलने की बात कही जा रही है, उस इलाके में अल्पसंख्यक आबादी है ही नहीं.’
आजम खां ने कहा कि इज्तेमा से मुसलमानों की बड़ी आबादी लौट रही थी. ऐसे में ये विवाद बहुत खतरनाक शक्ल अख्तियार कर सकता था....हो सकता है ये विवाद भी काम का हो जाता.’
इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के छोटे बेटे अभिषेक ने कहा-
‘यहां हिंदू-मुस्लिम सिख सभी एक हैं. हिंदू-मुस्लिम विवाद में आज मेरे पापा की जान गई. मैं पूछना चाहता हूं कि अब इस विवाद में किसके पापा की जान जाएगी.’
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या और बुलंदशहर हिंसा मामले में यूपी पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने बताया कि पहले इंस्पेक्टर को पत्थर से चोट लगी थी. अस्पताल ले जाते वक्त भी भीड़ ने फायरिंग और पथराव किया.
इससे पहले सुबोध की बहन ने कहा कि उनके भाई की हत्या पुलिसवालों ने ही करवाई है.
भीड़ ने सुबोध सिंह की हत्या से पहले उनकी सर्विस रिवॉल्वर छीन ली थी. एसआईटी इस बात की जांच कर रही थी क्या उन्हीं के रिवॉल्वर से उनकी हत्या की गई थी.
सुबोध सिंह की बहन ने कहा है कि उनके भाई दादरी के अखलाक केस की जांच कर रहे थे. उन्हें पुलिस वालों ने मरवाया है.
बुलंदशहर में भीड़ की गोली से मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के परिवार ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया. उनकी बहन ने कहा कि हमें इंसाफ चाहिए मुआवजा नहीं. सुबोध सिंह के छोटे भाई ने कहा कि योगी जी परिवार पर बड़ा संकट आ गया है. कुछ कीजिये.
बुलंदशहर में हिंसा की जांच एसआईटी करेगी. मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि एसईआईटी इस बात की जांच करेगी कि हिंसा क्यों भड़की. जांच के लिए बनी एसआईटी इस बात की खास तहकीकात करेगी आखिरकार पुलिस कर्मियों ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को भीड़ के हमले के वक्त अकेले क्यों छोड़ दिया.
पुलिस ने बुलंदशहर में सुबोध हत्यकांड में बजरंग दल कार्यकर्ता योगेश राज समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. योगेश राज सुबोध पर हमले का मुख्य आरोपी है. गोकशी की एफआईआर लिखवाने में उसकी प्रमुख भूमिका थी. वह एफआईआर लिखवाने वालों में एक था.
सुबोध सिंह हत्याकांड में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. चार लोग हिरासत में लिए गए हैं. मामले में शामिल और लोगों की गिरफ्तारी के लिए 22 जगहों पर छापेमारी की जा रही है. पुलिस की छह टीमें छापेमारी कर रही हैं.
बुलंदशहर में भीड़ की गोली के निशाना बने इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. चार लोगों को हिरासत में लिया गया है. 28 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि 60 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. गोकशी की अफवाह में सुबोध सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.
बुलंदशहर में भीड़ की हिंसा के शिकार एसएचओ सुबोध कुमार सिंह दादरी में गो मांस रखने की अफवाह में मारे गए मोहम्मद अखलाक के मामले की जांच कर रहे थे. 2015 में उन्मादी भीड़ ने अखलाक की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. 28 सितंबर 2015 से लेकर 9 नवंबर 2015 तक वह इस मामले के जांच अधिकारी थी. उत्तर प्रदेश के प्रिंसिपल सेक्रेट्री अरविंद कुमार ने यह जानकारी दी है. इस घटना के वक्त सुबोध नोएडा में जारचा के स्टेशन इंचार्ज थे. उन्होंने आरोपी को पकड़ने के लिए तुरंत कदम उठाया था.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर की घटना के दिवंगत पुलिस इंस्पेक्टर की पत्नी को 40 लाख रुपये और माता-पिता को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
इसके अलावा दिवंगत इंस्पेक्टर के आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी की गई है.
बुलंदशहर हिंसा में जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत का कारण पता लगाने के लिए उनके सिर का एक्सरे कराया गया. पहले कहा जा रहा था कि उनकी मौत पत्थर लगने से हुई है. लेकिन बाद में उनके सिर का एक्सरे कराया गया, जिसमें गोली लगने से उनकी मौत की पुष्टि हुई.
एक्सरे रिपोर्ट में सामने आया है कि उनकी मौत गोली लगने से हुई है. उनके सिर में गन शॉट इंजरी पाई गई है. गोली उनकी बाईं आंख के ऊपर लगी थी.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उनके सिर में गन शॉट इंजरी के अलावा भी इंजरी पाई गई हैं. संभवत: उनके सिर पर कोई पत्थर लगा था.
राजधानी लखनऊ में सोमवार शाम एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि कथित गोकशी की घटना के बाद पथराव में एक थाना इंचार्ज और एक अन्य की मौत के मामले की जांच एडीजी इंटलीजेंस करेंगे और 48 घंटे के अंदर अपनी गोपनीय रिपोर्ट सौंपेंगे.
उन्होंने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक मेरठ की अध्यक्षता में एक एसआईटी का भी गठन किया गया है, जिसमें तीन से चार अधिकारी शामिल होंगे, जो पूरी घटना की गहनता से जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे.
एडीजी आनंद ने बताया कि जिलाधिकारी बुलंदशहर ने इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिये है. अभी इस संबंध में एक मामला गोकशी का दर्ज किया गया है, जिसमें सात नामजद हैं लेकिन अभी सुरक्षा की दृष्टि से इन लोगों के नाम नहीं बताये जा सकते हैं.
बुलंदशहर हिंसा मामले पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है, ‘बुलंदशहर में पुलिस और ग्रामीणों के संघर्ष में स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की मौत का समाचार बेहद दुखद है. भावपूर्ण श्रद्धांजलि.’
अखिलेश यादव ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश बीजेपी के शासनकाल में हिंसा और अराजकता के दुर्भाग्यपूर्ण दौर से गुजर रहा है.’
बुलंदशहर हिंसा मामले में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. आनंद कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ग्रामीणों के पथराव में एक पुलिसकर्मी की मौत हुई है. इसके अलावा इस घटना में एक युवक सुमित की गोली लगने से मौत हुई है.
एडीजी ने बताया कि गोली लगने से घायल हुए युवक सुमित को इलाज के लिए मेरठ रेफर किया गया था, जहां उसकी मौत हो गई. उन्होंने कहा कि फिलहाल ये जांच की जा रही है कि युवक को गोली किसने मारी.
इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार पुलिस जीप में निढाल पड़े दिखाई दे रहे हैं.
वीडियो में जीप के आसपास मौजूद उपद्रवियों का शोर सुनाई दे रहा है. वीडियो में गोली चलने की आवाज भी सुनाई दे रही है. उपद्रवियों को यह कहते भी सुना जा सकता है कि गाड़ी को आग लगा दो.
हिंसक प्रदर्शन में गंभीर रूप से घायल हुए स्याना कोतवाल सुबोध सिंह को औरंगाबाद सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इंस्पेक्टर सुबोध कुमार एटा के रहने वाले थे.
बुलंदशहर हिंसा पर जिलाधिकारी का बयान
बुलंदशहर में गोकशी के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने कहा है कि स्थिति फिलहाल समान्य है और इस घटना की पूरी जांच की जा रही है.
बुलन्दशहर सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, थाना कोतवाली क्षेत्र के गांव महाव के जंगल में रविवार की रात अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर करीब 25-30 गोवंश काट डाले थे. यह सूचना मिलने पर लोगों में आक्रोश फैल गया.
गुस्साए लोग घटनास्थल पर पहुंचे और कथित तौर पर काटे गए गोवंश के गोवंश अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर सोमवार सुबह चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंचे. गुस्साई भीड़ ने बुलंदशहर-गढ़ स्टेट हाईवे पर ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर रास्ता जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी.
सूचना मिलने पर एसडीएम अविनाश कुमार मौर्य और सीओ एसपी शर्मा पहुंचे. इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. बेकाबू भीड़ ने पुलिस के कई वाहन फूंक दिए. साथ ही चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी.