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बंगाल में सबसे ज्यादा बढ़ा महिलाओं के खिलाफ अपराध, UP में कमी: NCRB 2020 रिपोर्ट

महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में 8.3% की गिरावट आई है.

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>NCRB का डेटा बताता है कि 2019 के मुकाबले, 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी आई है.</p></div>
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NCRB का डेटा बताता है कि 2019 के मुकाबले, 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी आई है.

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 की तुलना में साल 2020 में देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी आई है. साल 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 3,71,503 मामले दर्ज किए गए, जब्कि साल 2019 में 4,05,326 मामले दर्ज हुए थे. इसका मतलब हुआ कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में 8.3% की गिरावट आई है.

14 सितंबर को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर मामले 'पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता' (30.0%) के तहत दर्ज किए गए थे, इसके बाद 'महिलाओं पर उनकी शील भंग करने के इरादे से हमला' (23.0%), 'अपहरण' (16.8%) और 'बलात्कार' (7.5%), के मामले दर्ज हुए हैं.

किन राज्यों में सबसे ज्यादा मामले

पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 2019 की तुलना में 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई. दूसरी ओर, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कमी देखने को मिली है. दिल्ली में साल 2019 में 13,395 मामले दर्ज हुए थे जो 2020 में घटकर 10,093 हो गए.

वहीं आंकड़ों के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे तेज गिरावट दिखाने वाले राज्यों में से एक है. 2019 में यहां 59,853 केस दर्ज हुए थे जो 2020 में घटकर 49,385 हो गए.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध, चोरी, सेंधमारी, डकैती और डकैती के तहत दर्ज मामलों में गिरावट आई है, बता दें कि इस दौरान कोरोना महामारी की पहली लहर थी और देश में लॉकडाउन लगा हुआ था.

दिल्ली में अपराध में कमी, उत्तर प्रदेश में बढ़ोतरी

दिल्ली में 2019 की तुलना में 2020 में अपराध में 16% की कमी आई है. हालांकि, 2019 में, राजधानी में 2018 की तुलना में अपराध में लगभग 20% की वृद्धि दर्ज की गई थी. दिल्ली में 2020 में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत कुल 2,49,192 मामले दर्ज किए गए, जो 2019 की तुलना में 50,283 की भारी गिरावट को दर्शाता है. 2018 में, दिल्ली में कुल आईपीसी मामले 2,49,012 थे.

दिल्ली में 2019 की तुलना में 2020 में हत्या और अपहरण जैसे अपराध और महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी आई है. 2019 की तुलना में 2020 में हत्या के मामलों में 9% की गिरावट आई है.

इस बीच, यूपी में 2018 से अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जो कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हालिया बयानों के ठीक उलट है. साल 2018 में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कुल 3,42,355 मामले दर्ज किए गए थे, जो 2019 में बढ़कर 3,53,131 और 2020 में 3,55,110 हो गए.

अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध में 9.4% की बढ़ोतरी

अनुसूचित जातियों (एससी) के खिलाफ अपराधों के कुल 50,291 मामले दर्ज किए गए, जो 2019 (45,961 मामलों) की तुलना में 9.4% की वृद्धि दर्शाता है.

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