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NCRB के ताजा आंकड़े ये साफ-साफ बता रहे हैं कि भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध करने के मामले में महिलाओं का भी बड़ी तादाद में हाथ है. 'क्राइम इन इंडिया-2018' की रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध करने के 3,78277 मामलों में 4,14,894 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. इसमें से करीब 10 फीसदी यानी कि 37,721 महिलाएं गिरफ्तार की गईं.
NCRB क्राइम रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 में देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध करने के मामले में 50,037 महिलाओं के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई. इनमें से 37,721 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया. 3185 महिलाएं दोषी करार दी गईं, जबकि 18,099 को रिहा कर दिया गया.
सबसे ज्यादा महिलाओं के साथ जुर्म किसी अपने ने ही किया है. रिपोर्ट में देखा गया है कि सबसे ज्यादा महिलाओं की गिरफ्तारी रिश्तेदारी में ही किसी महिला से क्रूरता करने के मामले में हुई है. क्रूरता मामले में 20,183 महिलाएं गिरफ्तार हुईं. इसके अलावा दहेज हत्या मामले में भी काफी महिलाओं की गिरफ्तारी हुई है.
महिलाओं के खिलाफ अपराध मामले में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा महिलाएं गिरफ्तार हुईं हैं. ऐसे मामलों में यूपी में सिर्फ महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी सबसे ज्यादा गिरफ्तार हुए हैं. इसके बाद महाराष्ट्र (5270), आंध्र प्रदेश (4236) और कर्नाटक (4104) में सबसे ज्यादा महिलाओं की गिरफ्तारी हुई.
साल 2018 में महिलाओं के खिलाफ अपराध मामले में कुल 51,022 लोग दोषी साबित हुए. इनमें से 3185 महिलाएं दोषी करार दी गईं. यूपी यहां भी नंबर वन है. हालांकि 29 में से 5 राज्य ऐसे भी हैं, जहां कोई महिला दोषी साबित नहीं हुईं. ये राज्य हैं- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय और नागालैंड.
इन आंकड़ों से साफ है कि महिला सुरक्षा के मामले में हमारे देश की सरकारों को अभी भी बहुत कुछ करना है.
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