Home News India ताऊ ते से कम से कम 8 की मौत,गुजरात अलर्ट पर, 10 बड़ी बातें
ताऊ ते से कम से कम 8 की मौत,गुजरात अलर्ट पर, 10 बड़ी बातें
कोझिकोड से समुद्र में गए 15 मछुआरे लापता
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Cyclone Tauktae: अलापुझा से एक तस्वीर
(फोटो: PTI)
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'बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान' ताऊ ते अगले 24 घंटों में और भीषण हो सकता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार शाम को यह आशंका जताई. आईएमडी ने कहा कि उसने गुजरात और दमन-दीव के लिए यलो अलर्ट जारी किया है.
आईएमडी ने बताया, ''इस तूफान के 17 मई की शाम को गुजरात तट पर पहुंचने और 18 मई की सुबह के आसपास पोरबंदर और महुवा के बीच इसे पार करने की बहुत आशंका है.''
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्नाटक, केरल और गोवा में अबतक 8 लोगों की मौत हो चुकी है.
बता दें कि इस तूफान को ताऊ ते नाम म्यांमार ने दिया है जिसका मतलब ‘छिपकली’ होता है.
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चक्रवाती तूफान ताऊ ते से जुड़े 10 बड़े अपडेट्स:
ताऊ ते की वजह से गोवा के कई हिस्सों में रविवार को तेज हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया, ''गोवा में दो लोगों की मौत की खबर है. 500 से ज्यादा पेड़ गिर चुके हैं. लगभग 100 बड़े घर और 100 छोटे घर क्षतिग्रस्त हो गए. सड़कें ब्लॉक हैं, बिजली आपूर्ति बाधित है.''
वहीं, गोवा के ऊर्जा मंत्री नीलेश कैब्राल ने बताया, “बिजली के सैकड़ों खंभे टूट गए हैं. बिजली की आपूर्ति करने वाली 33 केवी की कई हाई टेंशन तारें पेड़ों के गिरने की वजह से प्रभावित हुई हैं. पड़ोसी महाराष्ट्र से गोवा में बिजली की आपूर्ति करने वाली 220 केवी की लाइनें भी प्रभावित हुई हैं.’’ गोवा की राजधानी पणजी के पास बमबोलिम में काक्रा गांव में मछुआरों को समंदर से वापस आते हुए देखा गया. एक स्थानीय मछुआरे संजय पेरेरा ने दावा किया कि यह 1994 के बाद से सबसे बदतर चक्रवात है.
कर्नाटक के तटीय जिलों में ताऊ ते के तबाही मचाने के मद्देनजर, राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने रविवार को जिला प्रभारी मंत्रियों और उपायुक्त को प्रभावित जिलों में दौरा करने, बचाव और राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए. कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने रविवार को बताया, ‘’चक्रवात ताऊ ते की वजह से पिछले 24 घंटों में 6 जिलों, 3 तटीय जिलों और 3 मलनाड जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश हुई. अब तक 4 लोगों की जान जा चुकी है और 73 गांव प्रभावित हुए हैं.’’
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, कोझिकोड के बेपोर बंदरगाह से पांच मई को समुद्र में उतरे कम से कम 15 मछुआरे लापता हैं. ये सभी तमिलनाडु के मूल निवासी हैं. 5 मई को बेपोर के तट से रवाना हुई 'अजमीर शा' नाव लापता है और नाव पर सवार किसी भी मछुआरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इसी बीच एक अन्य नाव जो उसी समय बेपोर से समुद्र में गई थी, उसके इंजन में कुछ यांत्रिक खराबी के कारण वो गोवा तट पर पहुंच गई है.
ताऊ ते के तबाही मचाकर केरल के तट से दूर जाने के बावजूद राज्य के बांधों में रविवार को जल स्तर में बढ़ोतरी देखी गई.
आईएमडी के मुताबिक, उत्तर पूर्वी अरब सागर और गुजरात तट पर (पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली) और अपतटीय इलाकों पर हवा की रफ्तार 150-160 से 175 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है और 18 मई को तड़के देवभूमि, द्वारका, जामनगर और भावनगर जिलों में हवा की रफ्तार 120-150 से लेकर 165 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है.
जूनागढ़ में समुद्र में करीब तीन मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं, जबकि तूफान के तट के टकराने के दौरान दीव, गिर सोमनाथ, अमरेली, भरूच, भावनगर, अहमदाबाद, आणंद और सूरत में 1-2.5 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं और इलाकों में पानी भर सकता है.
गुजरात के ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल ने कहा, ''हम पूरी तरह तैयार हैं. सौराष्ट्र के सभी 12 जिलों में, जिनके ताऊ ते से प्रभावित होने की आशंका है, COVID हॉस्पिटल्स में खास इंतजाम किए गए हैं- मैटिरियल्स से लेकर मैनपावर तक. ड्यूल पावर सप्लाई का इंतजाम किया गया है.''
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने रविवार को ताऊ ते से प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने के लिए सभी उपाय करने की जरूरत पर जोर दिया ताकि किसी भी तरह की जान-माल की क्षति से बचा जा सके. गौबा ने बिजली, दूरसंचार और अन्य अहम सेवाओं को बहाल करने के लिए सभी तैयारी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. गौबा ने कहा, "अस्पतालों और कोविड केंद्रों के कामकाज में व्यवधान से बचने और उन्हें ऑक्सीजन की नियमित आपूर्ति बनाए रखने के लिए सभी कदम उठाए जाने हैं."
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ताऊ ते के चलते पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए रविवार को संबंधित राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय मंत्रालयों/ संबंधित एजेंसियों की तैयारियों के आकलन के लिए महाराष्ट्र, गुजरात के मुख्यमंत्रियों, दमन और दीव और दादरा नगर हवेली के प्रशासकों के साथ बैठक की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चक्रवात ताऊ ते से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों के साथ एक अहम बैठक की थी और संबंधित अधिकारियों को लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी जरूरी सेवाओं का प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने चक्रवात से जिन स्थानों के प्रभावित होने की आशंका है, वहां के अस्पतालों में कोविड प्रबंधन, टीकाकरण, बिजली की कमी न हो, इसके उपाय और जरूरी दवाओं के स्टोरेज के लिए विशेष तैयारियों की जरूरत पर बल दिया.
पीएमओ के बयान में कहा गया कि भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाज और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं जबकि थल सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स इकाइयां, नावों और बचाव उपकरणों के साथ तैनाती के लिए तैयार हैं.
ताऊ ते के मद्देनजर राहत और बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने भी संबंधित राज्यों में अपनी टीमों को तैनात किया है.