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रास्ता रोकने पर शव को पुल से लटकाने पर मजबूर हुए दलित,जांच के आदेश

पिछले कई सालों से शव को इसी तरह ले जाने को मजबूर हैं दलित

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पिछले कई सालों से शव को इसी तरह ले जाने को मजबूर हैं दलित
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पिछले कई सालों से शव को इसी तरह ले जाने को मजबूर हैं दलित
(स्क्रीनशॉट: ट्विटर) 

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सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद समाज में दलितों के साथ भेदभाव जारी है. ताजा मामला तमिलनाडु के वेल्लोर जिले के वानियाम्बड़ी का है, जहां दलितों को अंतिम संस्कार के लिए एक शव पुल से नीचे लटकाकर उतारना पड़ा, क्योंकि खुद को अगड़ी जाति मानने वाले लोगों ने आगे जाने की इजाजत नहीं दी. ये घटना शनिवार, 17 अगस्त की है, जिसका वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो वायरल होने के बाद वेल्लोर जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग स्ट्रेचर पर एक शव को रस्सी की मदद से 20 फुट ऊंचे पुल से नीचे लटका रहे हैं. शव को पकड़ने के लिए पुल के नीचे भी कुछ लोग मौजूद हैं. इसके बाद लोग शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर जाते दिखते हैं.

वीडियो को बनाने वाला व्यक्ति कहते सुनाई देता है कि ये सब वेल्लोर के वानियाम्बड़ी में हो रहा है, जहां गांव में दलितों के पास अपना श्मशान गृह नहीं है.

‘यही हमारा श्मशान गृह है. हम हर बार इसी तरह से शव को नीचे लटकाकर उतारते हैं. हमारे पास श्मशान गृह नहीं है.’

55 वर्षीय कुप्पन की 16 अगस्त को एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. कुप्पन के रिश्तेदारों का आरोप है कि दलितों के शवों को ले जाने के लिए जिस रास्ते का इस्तेमाल किया जाता था, वहां हिंदू जाति ने अतिक्रमण कर लिया है. रिश्तेदारों ने बताया कि हिंदुओं ने रास्ते के आसपास की जमीनें खरीद लीं और वो नहीं चाहते कि शव को इसके बीच से लेकर जाया जाए.

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द न्यूज मिनट के मुताबिक, इस गांव में दलितों को सड़क का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है. हिंदुस्तान टाइम्स से एक पुलिस अफसर ने कहा कि हिंदू जाति, वेल्लला गाउंडर और वन्नियार, ने शव को खेत के रास्ते से ले जाने से रोका.

कुप्पन के रिश्तेदार विजय ने द न्यूज मिनट को बताया, '20 सालों से, हमें उस जमीन का इस्तेमाल करने में परेशानी हो रही है, जिसे हम पारंपरिक रूप से श्मशान के रूप में इस्तेमाल करते थे. अब वो जमीन खुद को अगड़ी जाति मानने वाले लोगों के पास है और वो हमें शव के साथ उस जमीन पर घुसने नहीं देते. पुल के बनने से पहले, हम शव को पानी में ही छोड़ देते थे, लेकिन अब हम अंतिम संस्कार के लिए शव को पुल से नीचे लटकाते हैं. हम सालों से अलग-अलग जिला प्रशासन मदद मांग रहे हैं, लेकिन किसी ने हमारी मदद नहीं की.'

वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आया प्रशासन

वीडियो के वायरल होने के बाद वेल्लोर जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश के साथ दलितों को श्मशान गृह के लिए आधा एकड़ जमीन दी है. तिरुपत्तूर की सब-कलेक्टर प्रियंका ने द न्यूज मिनट को बताया कि जिला प्रशासन ने दलित समुदाय को, शव दफनाने और श्मशान के रूप में आधा एकड़ जमीन आवंटित की है.

‘हमने दलित समुदाय के लोगों और रास्ता रोकने वाले जमीन मालिकों से पूछताछ की. शनिवार को, जमीन के मालिकों और शव ले जाने वाले लोगों के बीच में किसी तरह का कोई विवाद या कोई टकराव नहीं था.’
प्रियंका, सब-कलेक्टर, तिरुपत्तूर

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पुल से नीचे उतारकर शव का अंतिम संस्कार करना, दलितों के लिए एक आम बात हो गई है.

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Published: 22 Aug 2019,08:29 PM IST

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