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हिजाब न पहनने पर डांटा, तिलक लगाने से मना किया: दमोह स्कूल पर FIR में क्या दावा?

Hijab Row: विवाद की शुरुआत सोशल मीडिया पर टॉपर्स के होर्डिंग की तस्वीर वायरल होने से शुरू हुई थी.

ईश्वर
भारत
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<div class="paragraphs"><p>हिजाब न पहनने पर डांटा, तिलक लगाने से मना किया: दमोह स्कूल पर FIR में क्या दावा?</p></div>
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हिजाब न पहनने पर डांटा, तिलक लगाने से मना किया: दमोह स्कूल पर FIR में क्या दावा?

(फोटो: अलर्टड बाय क्विंट हिंदी)

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Damoh Hijab Controversy: 'हिजाब पहनने को मजबूर, तिलक लगाने पर डांटा, उर्दू को अनिवार्य विषय बना दिया'- दमोह के गंगा जमना स्कूल के खिलाफ FIR में किए गए ये कुछ दावे हैं जो फिलहाल छात्राओं पर 'जबरदस्ती हिजाब' पहनाने के आरोपों को लेकर विवादों के केंद्र में है.

FIR में तीन छात्रों की गवाही 

'क्विंट हिंदी' के पास मौजूद FIR, 7 जून को जिला कलेक्टर कार्यालय की जांच समिति की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी और इसमें तीन छात्रों की गवाही है- दो 12 साल की लड़कियां और एक 10 साल का लड़का शामिल है.

क्विंट हिंदी के पास FIR की कॉपी मौजूद है.

(फोटो: FIR कॉपी से स्क्रीनग्रेप)

शिकायत में छात्रा ने क्या आरोप लगाये?

शिकायतकर्ताओं में से एक, जो अब कक्षा 9 में है, ने दावा किया कि कक्षा 1 से 5 के लिए, ड्रेस कोड में एक ट्यूनिक शर्ट, टाई, बेल्ट और लेगिंग है, जबकि कक्षा 6 से 12 के लिए ड्रेस कोड में सलवार, कुर्ता, दुपट्टा और हिजाब शामिल है.

FIR में स्टूंडेंट्स ने कई आरोप लगाये हैं.

(फोटो: FIR कॉपी से स्क्रीनग्रेप)

कैसे शुरू हुआ विवाद?

दरअसल 12 वीं कक्षा की परीक्षा के टॉपर्स का एक पोस्टर स्कूल के बाहर हिजाब पहने गैर-मुस्लिम लड़कियों की तस्वीरों के साथ लगाया गया था, जिसके बाद से गंगा जमना स्कूल लगातार विवादों में है.

दमोह का गंगा जमना स्कूल.

(वीडियो स्क्रीनग्रेप क्विंट हिंदी)

छात्रा ने दावा किया कि स्कूल प्रबंधन ने "छात्रों को उनके धर्म के खिलाफ काम करने के लिए मजबूर किया और धमकी दी" और इससे उनकी "धार्मिक भावनाएं आहत हुईं और वह इसके कारण मानसिक रूप से परेशान हैं."

गंगा जमना हाई स्कूल की एक छात्रा 13 जून को पुलिस और मीडिया के सामने रो पड़ी.

(वीडियो स्क्रीनग्रेप क्विंट हिंदी)

FIR में मुख्य बातें क्या?

  • "हिजाब पहनना अनिवार्य था और ऐसा नहीं करने पर हमें डांट पड़ती थी. हम घर में हिजाब नहीं पहनेंगे, हम स्कूल पहुंचकर इसे पहनेंगे."

  • "मेरी कक्षा में 56 लड़कियां हैं, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम हैं और बाकी हिंदू और जैन हैं, लेकिन हिजाब पहनना सभी के लिए अनिवार्य था."

  • "कक्षा 1 से, उर्दू को अन्य विषयों के साथ एक भाषा के रूप में पढ़ाया जाता है, यह एक अनिवार्य विषय था न कि ऑप्शनल."

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  • "हर सुबह, हमें मुस्लिम प्रार्थना 'लब पे आती है दुआ' और राष्ट्रगान गाने के लिए कहा जाता है."

  • "हमें टीका लगाने या कलावा (कलाई पर बंधा पवित्र धागा) बांधने की अनुमति नहीं है. अगर हमने इनमें से कुछ भी पहना तो शिक्षक हमें डांटेंगे."

प्राचार्य, दो अन्य आरोपियों की जमानत खारिज 

FIR की डिटेल इस मामले में तीन गिरफ्तार अभियुक्तों-प्रिंसिपल अफशा शेख, गणित के शिक्षक अनस अतहर और सुरक्षा गार्ड रुस्तम अली की जमानत के रूप में सामने आया, जिसे दमोह किशोर न्याय अदालत ने बुधवार (14 जून) को खारिज कर दिया था.

स्कूल के प्रबंधन और शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के कुछ ही दिनों बाद 10 जून को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.

हिंदू संगठनों ने डीएम ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया.

(फोटो एक्सेस बाय क्विंट हिंदी)

तीनों आरोपियों की ओर से पेश अधिवक्ता अनुनय श्रीवास्तव ने बुधवार को तर्क दिया कि प्राथमिकी में गवाही बच्चों को "लिखी हुई" लगती है.

वकीलों ने आगे तर्क दिया कि गैर-मुस्लिम छात्रों की शिकायतें तब तक सामने नहीं आईं जब तक कि दक्षिणपंथी समूहों द्वारा इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया गया.

स्कूल प्रबंधन ने क्या दावा किया था?

शेख सहित स्कूल प्रबंधन ने पहले दावा किया था कि भले ही हिजाब स्कूल यूनिफॉर्म का हिस्सा था, लेकिन इसे न पहनने पर छात्रों को सजा का सामना नहीं करना पड़ा.

स्कूल के डायरेक्टर मोहम्मद इदरीश खान.

(फोटो एक्सेस बाय क्विंट हिंदी)

FIR में कौन सी धाराएं लगी?

  • 7 जून को IPC संहिता की धारा 295 (व्यक्तियों के किसी भी वर्ग द्वारा पवित्र के रूप में रखी गई किसी वस्तु को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना), 506 (आपराधिक धमकी), 120 बी (आपराधिक साजिश की सजा), साथ ही किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम के प्रावधान 75 और 87 के तहत दर्ज की गई थी.

  • मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 के प्रावधानों को बाद में जोड़ा गया था.

अधिकारियों ने मंगलवार को स्कूल के कुछ हिस्सों को तोड़ दिया

(वीडियो स्क्रीनग्रेप क्विंट हिंदी)

स्कूल को गिराया जा रहा

परिसर में कुछ नई संरचनाओं के निर्माण के लिए आवश्यक अनुमति नहीं लेने के आरोपों के बाद पिछले दो दिनों से स्कूल को भी गिराया जा रहा है.

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