मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दमोह स्थित गंगा जमना स्कूल में टॉपर्स का होर्डिंग विवादों में घिर गया है. होर्डिंग में मुस्लिम टॉपर्स के साथ हिंदू स्टूडेंट का कथित हिजाबी लिबास देख, हिंदूवादी संगठनों ने नाराजगी जताते हुए प्रदर्शन किया. उन्होंने इसे हिंदू संस्कृति का अपमान बताया और स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की.
सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल
दरअसल, विवाद की शुरुआत सोशल मीडिया पर टॉपर्स के होर्डिंग की तस्वीर वायरल होने से शुरू हुई. बताया जा रहा है कि अल्पसंख्यक स्कूल के टॉपर्स स्टूडेंट के होर्डिंग के बीच में हिंदू छात्राओं की भी तस्वीर थी, जिस पर हिंदूवादी संगठनों ने विरोध जताया.
'सामाजिक वैमनस्यता फैलाने की कोशिश'
स्कूल समिति के सदस्य शिव दयाल दुबे ने हिंदू संगठनों के विरोध को बेबुनियाद बताया और कहा कि कभी स्कूल के इन मुद्दों को तवज्जों ही नहीं दी. उन्होंने कहा कि आज उन बातों को हवा दी जा रही है जो बेबुनियाद और सामाजिक वैमनस्यता फैलाने वाले हैं.
बचाव में उतरा स्कूल प्रबंधक
होडिंग पर बढ़ते विवाद के बाद गंगा जमना स्कूल प्रबंधक बचाव में उतर आया. स्कूल के डायरेक्टर मोहम्मद इदरीश खान ने बताया कि ये स्कूल के ड्रेस कोड का हिस्सा है. इदरीश खान ने कहा, "सलवार सूट के साथ स्कार्फ ड्रेस कोड है, जिसे ये लोग हिजाब बताकर तूल दे रहे हैं. जबकी यहां स्कार्फ बांधना भी अनिवार्य नहीं है. यहां कभी किसी ने इस पर कोई आपत्ति भी नहीं उठाई है."
स्टू़डेंट और पैरेंट्स स्कूल के समर्थन में उतरे
मामला तूल पकड़ता देख हिंदू छात्राएं और उनके अभिभावक भी स्कूल के समर्थन में खड़े नजर आये. छात्रा रूपाली साहू ने कहा कि ये हिजाब नहीं बल्कि ड्रेस कोड का स्कार्फ है. रूपाली की मां ने कहा कि स्कार्फ को स्कूल प्रबंधन ने कभी अनिवार्य नहीं किया.
दमोह स्कूल हिजाब मामले पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ANI से कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है.
दमोह के एक स्कूल का मामला मेरे संज्ञान में आया. किसी भी बेटी को कोई स्कूल बाध्य नहीं कर सकता कि वो कोई ऐसी चीज पहने जो उनकी परंपरा में नहीं है. मैंने जांच के आदेश दिए हैं. जांच के बाद तथ्यों के आधार पर हम कार्रवाई करेंगे.शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
विशेष टीम का गठन
मामला सामने आने के बाद जिलाधिकारी मयंक अग्रवाल ने कहा, "सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल की जा रही है. हमें इस मामले में ज्ञापन भी दिया गया है, जिसके बाद एक विशेष टीम बनाकर जांच के आदेश दिये गये हैं."
जानकारी के अनुसार, डीएम ने पहले मामले में क्लीन चिट दे दी थी. लेकिन बाद में विरोध बढ़ता देख, दूसरी टीम का गठन किया है.
एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मामले की जांच में इस प्रकार को कोई तथ्य सामने नहीं आये हैं, फिर भी एक विशेष जांच के लिए निर्देश जारी किये गये हैं."
(इनपुट-इम्तियाज चिश्ती)
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