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रॉयटर्स के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी (Danish Siddiqui) की अफगानिस्तान में मौत हो गई है. सिद्दीकी अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान और सुरक्षा बलों के बीच चल रही लड़ाई को कवर करने के लिए देश में मौजूद थे. दानिश सिद्दीकी की आखिरी खबर तालिबान (Taliban) के गढ़ कांधार से ही थी, जिसमें उन्होंने तालिबान और अफगान सुरक्षा बलों के बीच भीषण लड़ाई के बारे में बताया था. सिद्दीकी की मौत पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने शोक जताया है.
ठाकुर ने ट्विटर पर दानिश की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि 'सिद्दीकी अपने पीछे उल्लेखनीय काम छोड़ गए हैं.' दानिश सिद्दीकी ने कोरोना की दूसरी वेव के दौरान भारत में हुई मौतों को भी कवर किया था.
दानिश की तस्वीरों को मीडिया में खूब इस्तेमाल किया गया था, जिनसे अंदाजा जो रहा था कि दूसरी वेव में बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी दानिश की मौत पर ट्वीट किया है. हालांकि, अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट में 'दक्षिणपंथी ट्रोल्स' के सिद्दीकी की मौत का मजाक बनाने पर गुस्सा जाहिर किया है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दानिश के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और भारत सरकार से सिद्दीकी का पार्थिव शरीर वापस लाने की अपील भी की.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने दानिश की मौत को 'भयानक नुकसान' बताया है. बनर्जी ने ट्वीट किया कि दानिश की तस्वीरें वो 'उथल-पुथल बयां करती थीं, जिससे हमारा देश हाल के समय में गुजरा था.'
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ट्वीट किया कि दानिश ने अपने कैमरा लेंस से महामारी से लेकर दंगों तक का हाल हम तक पहुंचाया था. स्टालिन ने कहा, "सिद्दीकी की मौत एक बार फिर संदेश देती है कि किसी भी तरह की हिंसा और आतंकवाद से बचना जरूरी है."
लेखक बेन एंडरसन ने ट्विटर पर लिखा कि दो दिन पहले ही दानिश ने जो जानकारी साझा की थी, उससे पता चलता है अफगानिस्तान में स्थिति कितनी खराब है. एंडरसन ने सिद्दीकी की कवरेज को 'असाधारण रिपोर्टिंग' बताया.
अपनी मौत से ठीक तीन दिन पहले भी दानिश एक हमले में बाल-बाल बचे थे. 13 जुलाई को ट्विटर पर दानिश ने बताया था कि जिस गाड़ी में वे सवार थे, उसे निशाना बनाया गया था.
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