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दरभंगा एम्स (Darbhanga AIIMS) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के बयान पर सियासी घमासान मचा है. दरअसल, पीएम मोदी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल में क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए दरभंगा में एम्स खोले जाने का जिक्र किया था. इसके बाद बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने ट्वीट कर पीएम पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने जबाव देते हुए कहा कि हमारी नीयत साफ है.
प्रधानमंत्री ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पश्चिम बंगाल में क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद की बैठक संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वी भारत में तेज गति से कम हो रहा है. हेल्थ सेक्टर में केंद्र सरकार की ओर से किए जा रहे कामों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि असम के गुवाहाटी से लेकर, पश्चिम बंगाल के कल्याणी तक, झारखंड के देवघर से लेकर के बिहार के दरभंगा तक इस प्लानिंग के साथ नए-नए एम्स खोले गए हैं, जिससे कि लोगों को इलाज के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर ना जाना पड़े. पिछले 9 सालों में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा को 31 मेडिकल कॉलेज भी मिले हैं.
बिहार सरकार में डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया, "आज प्रधानमंत्री जी दरभंगा में AIIMS खुलवाने का झूठा श्रेय ले रहे थे. वस्तुस्थिति ये है कि बिहार सरकार ने निःशुल्क 151 एकड़ जमीन केंद्र को इसकी स्थापना के लिए दिया है और साथ ही 250 करोड़ से अधिक मिट्टी भराई के लिए आवंटित किया, लेकिन दुर्भाग्यवश राजनीति करते हुए केंद्र ने प्रस्तावित AIIMS के निर्माण को स्वीकृति नहीं दी. प्रधानमंत्री से देश कम से कम सत्य और तथ्य की अपेक्षा करता है लेकिन उन्होंने सफेद झूठ बोला."
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "जून माह में हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जी से दूरभाष पर वार्ता कर, इसकी स्वीकृति देकर निर्माण कराने का आग्रह किया और आशान्वित होकर चिट्ठी भी लिखा, लेकिन आजतक कोई सकारात्मक कारवाई नहीं हुई है."
इसके साथ ही तेजस्वी ने कहा, "सीएम नीतीश कुमार का प्रयास है कि दरभंगा में AIIMS खुले और इसके लिए कैबिनेट से 151 एकड़ भूमि नि:शुल्क पास करवाकर AIIMS दरभंगा के लिए दी गई थी, लेकिन बीजेपी के राजनीतिक दबाव से यह स्वीकृत नहीं हुआ. इन्होंने खुलवाने का नहीं बल्कि रूकवाने का काम किया है."
वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ट्वीट किया, "दरभंगा एम्स के लिए राज्य सरकार ने जमीन दी है और वहां पर मिट्टी भराई के लिए अलग से 250 करोड़ रुपये स्वीकृत भी किए हैं. लेकिन उस जमीन पर आपकी केंद्र सरकार एम्स बनाने को तैयार नहीं है. इसका मकसद बिहार में एक एम्स के निर्माण को लटकाना है और आप कह रहे हैं कि एम्स खुल गया. वाह रे जुमलेबाज सरकार."
तेजस्वी यादव के ट्वीट पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने जवाब देते हुए कहा, "मोदी सरकार विकास में राजनीति नहीं करती बल्कि विकास की राजनीति करती है. हमारी नीयत साफ है. एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली जमीन दी."
बता दें कि केंद्र सरकार ने 2015-16 के बजट में दरभंगा में एम्स खोलने का ऐलान किया था. लेकिन 8 साल बाद भी अभी तक एम्स का निर्माण शुरू नहीं हुआ है.
(इनपुट: महीप राज)
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