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उत्तर प्रदेश, बिहार समेत देश के कई राज्यों से आंधी, तूफान और भारी बारिश का खतरा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. 28 मई को आए तूफान में यूपी, बिहार से ही 34 लोगों के मौत की खबर है. 100 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए हैं.
आपने खुद महसूस किया होगा कि पिछले कुछ दिनों या कहे तो करीब एक महीने से ही लगातार आंधी, तूफान की चेतावनी की खबरें आने लगी हैं. सबसे ज्यादा मौत की खबरें उत्तर प्रदेश खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आई हैं. ऐसा नहीं है कि इन घटनाओं से पहले मौसम विभाग ने अलर्ट नहीं दिया, इन सभी घटनाओं से पहले मौसम विभाग ने करीब-करीब सटीक अलर्ट जारी किया था, लेकिन नुकसान कम नहीं हो सका है. मौसम विज्ञान के जानकारों का भी मानना है कि इस बार की गर्मी में कुछ असमान्य हो रहा है.
आइए जानते हैं पिछले महीने हुए भीषण प्राकृतिक आपदाओं के बारे में
2 से 3 मई के बीच पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार और यूपी में भीषण आंधी-तूफान से कुल 124 लोगों की मौत हो गई थी. 300 से ज्यादा लोगों के जख्मी होने की खबर थी. सबसे अधिक 73 लोगों की मौत यूपी में हुई यहां 91 लोग घायल भी हो गए.
मौसम विभाग ने आंधी-तूफान का अलर्ट पहले ही जारी किया था, लेकिन नुकसान को रोका नहीं जा सका.
2 मई से शुरू हुआ सिलसिला थमा नहीं. तेज हवाओं और बारिश का दौर जारी रहा. 13-14 मई को को देश के 5 राज्यों में बिजली गिरने और तेज आंधी के साथ बारिश होने के कारण 80 लोगों की मौत हो गई.
28 मई को बिहार और यूपी के कई जगहों पर आंधी-तूफान से कम से कम 34 लोगों की मौत हो गई. बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि राज्य में सोमवार रात को 19 लोगों की मौत हो गई. आंधी - तूफान से गया और औरंगाबाद में पांच - पांच , मुंगेर में चार , कटिहार में तीन और नवादा में दो लोगों की मौत हुई. यूपी में 15 लोगों की मौत की खबर है.
मौसम विज्ञान के जानकारों का मानना है कि इस बार की गर्मी में कुछ असमान्य घटित हो रहा है. इस साल अब तक मई में उत्तर भारत को तीन वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोप, कम दबाव का क्षेत्र) की वजह से आंधी और तूफान का सामना करना पड़ा है और 150 से ज्यादा लोगों की जान चली गयी.
उत्तर भारत में गर्मियों के दौरान धूल भरी आंधी , तूफान और बारिश सामान्य घटना है. मौसम का पूर्वानुमान बताने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के उपाध्यक्ष ( मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन ) महेश पहलावट ने कहा , ‘‘ लेकिन इस तरह की तेजी नहीं रहती. वेस्टर्न डिस्टरबेंस की तीव्रता असमान्य रूप से अधिक है. ''
मौसम विभाग के अतिरिक्त निदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अप्रैल में एक , जबकि मई में अब तक तीन बार पश्चिमी विक्षोभ के हालात बन चुके हैं. उन्होंने कहा कि लगातार वेस्टर्न डिस्टरबेंस का बनना तूफान - धूल भरी आंधी का अहम कारण है.
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