advertisement
चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारतीय वायुसेना को 33 नए फाइटर एयरक्राफ्ट मिलने का रास्ता साफ हो गया है. रक्षा मंत्रालय ने इन एयरक्राफ्ट को खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. ये 33 एयरक्राफ्ट रूस से खरीदे जाएंगे. कुछ दिन पहले ही वायुसेना ने ये प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा था.
रक्षा अधिकारियों ने बताया है कि फाइटर एयरक्राफ्ट के साथ ही मंत्रालय ने 248 मिसाइल खरीदने को भी मंजूरी दे दी है. ये मिसाइल एस्ट्रा बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइल हैं, जो वायुसेना और नेवी के लिए खरीदी जाएंगी.
इसके अलावा एक नए 1,000 किमी स्ट्राइक रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल के डिजाइन और डेवलपमेंट की भी इजाजत दी गई है. ये प्रोजेक्ट DRDO का है.
रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council) ने 38,900 करोड़ के प्रस्तावों को मंजूरी दी है. इसमें से 31,130 करोड़ की खरीद भारतीय इंडस्ट्री से की जाएगी. जिन प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली है, उसमें पिनाका रॉकेट लॉन्चर के लिए एम्युनिशन, BMP कॉम्बैट व्हीकल का अपग्रेड और आर्मी के लिए सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो शामिल हैं.
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय रूस का दौरा करके लौटे हैं. इस दौरे के दौरान सिंह ने रूस से कई फाइटर प्लेन, सबमरीन और बैटल टैंक्स के लिए तत्काल इक्विपमेंट भेजने का निवेदन किया था.
29 जून को न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि भारत को जुलाई अंत तक छह पूरी तरह लोडेड राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट मिल सकते हैं. ये राफेल विमान लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल से लैस होंगे. ये मिसाइल 150 किमी से ज्यादा के स्ट्राइक रेंज में टारगेट को हिट कर सकती हैं.
सूत्रों ने बताया था कि एयरक्राफ्ट पूरे पैकेज के साथ आएंगे और कुछ ही दिनों में ऑपरेशनल हो जाएंगे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)