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उत्तर भारत में पिछले कई दिनों से जारी कड़ाके की ठंड और कोहरे का असर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर भी पड़ा है. घने कोहरे के कारण पिछले कुछ दिनों में दिल्ली हवाई अड्डे पर उड़ानों में देरी और रद्दीकरण की घटनाओं के बीच, कई यात्रियों ने एयरलाइंस पर अपना गुस्सा निकाला, इस बीच केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. आइये जानते हैं क्या है पूरा विवाद?
कांग्रेस सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर किए कई पोस्ट में इसे "मोदी सरकार द्वारा निर्मित आपदा" बताते हुए सरकार पर "उपेक्षा और अक्षमता" का आरोप लगाया है.
थरूर ने पिछले साल सितंबर में दिल्ली हवाई अड्डे के मुख्य कैट IIIB रनवे पर रखरखाव कार्य शुरू करने के लिए केंद्र पर हमला किया, जो घने कोहरे के दौरान उड़ान संचालन को संभालने के लिए तैयार किया गया है, यह जानते हुए भी कि यह कोहरे वाले सर्दियों के मौसम के लिए तैयार नहीं होगा.
इंडिया टुडे ने मंगलवार (16 जनवरी) को बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में, दिल्ली हवाई अड्डे ने रनवे के पूरा होने की समय सीमा 15 दिसंबर, 2023 को पीछे धकेलने के लिए G20 और GRAP IV प्रदूषण-विरोधी उपायों को लागू करने को जिम्मेदार ठहराया है.
सोशल मीडिया पर थरूर को जवाब देते हुए, सिंधिया ने कहा कि रनवे रखरखाव का काम विमानन संचालन के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा तत्व था. उन्होंने कहा, "रनवे की स्थिति के साथ कोई भी समझौता सीधे यात्री सुरक्षा को खतरे में डालता है."
इंडिया टुडे की 28 अक्टूबर की रिपोर्ट के अनुसार, सिंधिया ने पुष्टि की कि दिल्ली हवाई अड्डे पर रनवे शुक्रवार को अंतिम निरीक्षण के बाद इस सप्ताह चालू हो जाएगा.
थरूर ने अपने लंबे पोस्ट में इंडिया टुडे की सोमवार की रिपोर्ट का भी हवाला दिया कि कैसे द्वारका एक्सप्रेसवे निर्माण कार्य की एक क्रेन रनवे 29L/11R पर CAT IIIB के संचालन को एक तरफ से रोक रही थी.
उन्हें जवाब देते हुए, सिंधिया ने कहा, "क्रेन का उपयोग एक अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना - द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए किया जा रहा था. हालांकि, रनवे पर इसके प्रभाव को देखते हुए, अब यह निर्णय लिया गया है कि क्रेन संचालन की अनुमति केवल गैर-कोहरा वाले दिनों में दी जाएगी. इस प्रकार, RWY 11R/29L कल से CAT III के रूप में चालू है."
थरूर ने पोस्ट कर लिखा, "इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित नहीं किया गया कि कोहरे की स्थिति के दौरान दिल्ली के लिए उड़ान भरने की योजना बना रहे पायलट सीएटी III-बी प्रशिक्षित थे. इसलिए, कई उड़ानों को जयपुर और अहमदाबाद जैसे शहरों की ओर मोड़ दिया गया."
रविवार (14 जनवरी) को दिल्ली जाने वाली कम से कम 10 उड़ानों को जयपुर डायवर्ट किया गया. दिसंबर में तो और भी बुरा हाल था, जब महीने की 25 से 28 तारीख के बीच 58 उड़ानों को पड़ोसी शहरों की ओर मोड़ दिया गया था.
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने थरूर के दावे को गलत और निराधार बताया. अपने पूर्व सहयोगी पर निशाना साधते हुए, सिंधिया ने पोस्ट किया, "2014 में केवल 2,416 CAT II/CAT III प्रशिक्षित पायलटों की तुलना में, आज हमारे पास 6,191 CAT II/CAT III प्रशिक्षित पायलट हैं, जो पिछले 9 वर्षों में 2.5 गुना की वृद्धि है."
मंत्री ने स्पष्ट किया कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय एयरलाइनों को सर्दियों के दौरान केवल योग्य चालक दल के साथ CAT IIIB अनुरूप विमान तैनात करने का आदेश देता है और किसी भी उल्लंघन से सख्ती से निपटा जाता है, जैसे कि स्पाइसजेट और एयर इंडिया के मामले में, जिन्हें कारण बताओ नोटिस दिए गए थे.
थरूर ने दिल्ली हवाई अड्डे पर CAT IIIC उपकरण लैंडिंग सिस्टम नहीं होने के लिए भी सरकार का मजाक उड़ाया, जिसका उपयोग जीरो विजिबिलिटी की स्थिति में भी सटीक लैंडिंग के लिए किया जा सकता है.
थरूर ने आगे कहा, "दुनिया भर में, प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों में कई CAT III-C रनवे हैं, लेकिन भारत में एक भी नहीं है, बावजूद इसके कि इसकी राजधानी सर्दियों में कोहरे और स्मॉग की समस्या से जूझती है. क्यों नहीं?"
सिंधिया ने तुरंत हमला बोल दिया. उन्होंने कहा कि कैट III संचालन रनवे क्षमता, विमान क्षमता और पायलट प्रशिक्षण पर निर्भर थे.
थरूर पर कटाक्ष करते हुए, सिंधिया ने कहा, "आपको एक परिप्रेक्ष्य देने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका में जेएफके (न्यूयॉर्क) हवाई अड्डे पर 4 रनवे हैं, लेकिन हवाई अड्डे के पास CAT III लैंडिंग के लिए केवल 1 रनवे है जो 182 मीटर (600 फीट) तक सीमित न्यूनतम सीमा के साथ है - जो भारत के 50 मीटर का 3.5 गुना है! जाइये और स्वयं इसका पता लगाइये - प्रबुद्ध थरूर!"
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