advertisement
दिल्ली पुलिस ने 12 अप्रैल को कहा कि गोहत्या के संदेह में फार्महाउस के केयरटेकर राजाराम की हत्या (lynched on suspicion of cow slaughter) 10 अप्रैल की देर रात एक हत्यारन भीड़ ने कर दिया जो अपने आप को “गौरक्षक” बताते थे.
क्विंट से बात करते हुए जशोदेवी उस रात के बारे में बताते हुआ कहती हैं कि
पति पर लगाए जा रहे गोहत्या के आरोपों से अचंभित जशोदेवी ने कहा कि "हमारे पास छह से सात गायें हैं, और मैं पड़ोस के घरों में गायों का दूध बेचती हूं”
जशोदेवी दावा करती हैं कि न तो उन्होंने और न ही उनके पति ने कभी किसी गाय की हत्या उसके मीट के लिए की है.
जशोदेवी का कहना है कि वो अपने पति राजाराम के साथ पिछले दो साल से फॉर्महाउस पर काम कर रही थी. साथ में उनके चार बच्चे भी यहां रहते हैं. सबसे बड़ी बेटी है जो अभी भी स्कूल में है और उसकी उम्र 18 साल है.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि उन्हें छावला में गायों को मारे जाने और उनका मांस बेचे जाने से जुड़ी सूचना मिली थी. हालांकि उनका दावा है कि पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले ही लोगों की एक भीड़ ने फॉर्महाउस में केयरटेकर राजाराम पर हमला कर दिया था.
कथित तौर पर राजाराम के अलावा दो अन्य लोगों को भी पीटा गया था. द्वारका के पुलिस उपायुक्त (DCP) शंकर चौधरी ने बताया कि राजाराम और अन्य घायलों को हॉस्पिटल ले जाया गया. राजाराम वहां से डिस्चार्ज होने के बाद अस्वस्थ महसूस कर रहे थे. फिर उन्हें दिल्ली के राव तुला राम मेमोरियल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
पांच लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है. इन सभी पांचों पर गोहत्या रोकथाम से संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है. दूसरी तरफ राजाराम की हत्या के आरोप में अब तक एक भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
डीसीपी द्वारका शंकर चौधरी ने कहा कि 'हत्या के मामले में आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है.”
द क्विंट को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि राजाराम के साथ पिटे गए अन्य लोग फॉर्महाउस पर काम नहीं करते थे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)