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जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकियों के साथ कार में पकड़े गए डीएसपी दविंदर सिंह को जमानत मिल गई है. दिल्ली की एक अदालत ने दविंदर सिंह को जमानत दी है. बताया गया है कि दिल्ली पुलिस सस्पेंडेड डीएसपी दविंदर सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई. जिसके चलते उसे जमानत दी गई है.
इस मामले में सीधे पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं. पुलिस ने तय सीमा के अंदर आतंकियों की मदद करने वाले दविंदर सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की. तय समय सीमा में अगर चार्जशीट दाखिल नहीं होती है तो आरोपी कोर्ट से जमानत मांग सकता है. यही दविंदर सिंह के साथ भी हुआ.
दविंदर सिंह को इसी साल 11 जनवरी को पुलिस की एक टीम ने आतंकियों के साथ कुलगाम स्थित मीर बाजार से गिरफ्तार किया था. इस दिन वो ड्यूटी पर मौजूद नहीं था. अधिकारियों के मुताबिक, सिंह ने 12 जनवरी से लेकर 16 जनवरी तक की छुट्टी लेने की अर्जी दी थी. अधिकारियों ने बताया कि सिंह का नाम एसपी के तौर पर प्रमोशन के लिए क्लियर हो गया था. अगले कुछ महीने में वो एसपी बनने वाला था.
एक डीएसएपी रैंक के अधिकारी का आतंकियों के साथ पकड़ा जाना काफी बड़ी कामयाबी के तौर पर माना जा रहा था. जिसके बाद दविंदर सिंह को भी एक आतंकी की तरह ट्रीट किया जा रहा था. तब जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा था कि वो आतंकियों के साथ पकड़े गए डीएसपी देविंदर सिंह के साथ आतंकियों जैसा ही सलूक कर रही है. उस दौरान जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार नेप्रेस कॉन्फ्रेंस में गिरफ्तारी के बारे में बताया था कि,
“एसपी शोपियां को एक सूचना मिली थी कि 2 आतंकी एक आई-10 कार में निकले हैं और नेशनल हाईवे जम्मू जाना चाह रहे हैं. एसपी ने मुझे बताया और मैंने DIG साउथ कश्मीर को आदेश दिया कि अपने इलाके में वो नाका लगाएं. नाका लगाने के बाद गाड़ी की तलाशी ली गई और उसमें दो वॉन्टेड आतंकी थे और उनके साथ हमारी फोर्स के एक डीएसपी भी पाए गए. साथ ही एक स्थानीय एडवोकेट भी था.”
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