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पंजाब, हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्यों से दिल्ली के लिए चले किसानों को आखिरकार दिल्ली में आने की मंजूरी दे दी गई है. ज्यादातर किसान पंजाब से दिल्ली के लिए टैक्टर, ट्रकों, गाड़ियों में सवार होकर निकले थे, रास्ते में हरियाणा पुलिस ने हाईवे पर जगह-जगह उन्हें रोकने की कोशिश की. किसानों पर लाठीचार्ज किया गया, आंसूगैस के गोले छोडे़ गए और उन पर इस हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में ठंडे पानी की बौछारें मारी गईं. बता दें कि किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. किसानों को डर है कि इन कानूनों से मंडियां बर्बाद हो जाएंगी और MSP सिस्टम पर भी संकट आ सकता है.
दिल्ली में हो रहे किसान प्रदर्शन में करीब 6 राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, केरल के किसान पहुंचे रहे हैं. वो चाहते हैं कि वो दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रदर्शन के लिए जुटें और विरोध प्रदर्शन करें. किसानों का कहना है कि इस प्रदर्शन में 500 किसान संगठन शामिल हैं.
पुलिस ने दिल्ली के बाहरी इलाकों में किसानों पर वॉटर कैनन चलाए. वहीं कुछ प्रदर्शनकारी पत्थरबाजी करते हुए और बैरिकेड तो धक्का मारते हुए भी दिखे. किसानों के हाथों में झंडे और लाठियां थीं.
राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति मिलने के बाद किसान प्रदर्शनकारी टिकरी बॉर्डर से दिल्ली में दाखिल हुए. सरकार ने अनुमति दे दी है कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में प्रदर्शन कर सकते हैं.
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े. किसानों और पुलिस दोनों की तरफ से भारी पथराव हुआ.
हरियाणा से दिल्ली आने वाले रास्तों पर अलग-अलग जगह 5 घंटे तक पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच पथराव हुआ.
पुलिस ने किसानों को रोकना का कारण कोरोना वायरस को बताया. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि हम दिल्ली के लोगों की जान जोखिम में नहीं डाल सकते हैं. लेकिन बाद में पुलिस मान गई.
किसान प्रदर्शनकारियों का कहना है कि "कोरोना वायरस के नियम सिर्फ उन पर ही क्यों लागू किए जा रहे हैं. बिहार चुनाव के वक्त क्या हुआ था? संसद में तो कार्यवाही चल ही रही थी?" किसानों का कहना है कि "हम कोरोना वायरस से नहीं डरते हैं. ये किसान कानून किसान विरोधी हैं."
केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से स्टेडियमों को अस्थायी जेल बनाने का निवेदन किया था. लेकिन दिल्ली सरकार ने किसान आंदोलन को सही ठहराते हुए 9 स्टेडियमों को अस्थायी जेल बनाने के दिल्ली पुलिस के अनुरोध को नामंजूर किया.
किसान आंदोलन के चलते गुरुग्राम-दिल्ली बॉर्डर पर ट्रैफिक जाम जारी. गुरुग्राम और दिल्ली पुलिस द्वारा चेकिंग की जा रही है, जिससे ट्रैफिक मूवमेंट धीमी हो गई है. इसके अलावा कुछ कॉलेजों की परीक्षा भी रद्द की गई है जिसकी वजह से कुछ छात्रों को लौटना पड़ा.
बीते दिन हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने किसानों को रोकने की कोशिश की थी. पुलिस ने सड़कों को बंद कर दिया था, आंसू गैस के गोले दागे, वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया. लेकिन फिर भी किसान हरियाणा से गुजरने में कामयाब रहे.
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