advertisement
देश की राजधानी दिल्ली (Delhi Fire Incidents) आग लगने की सुर्खियों से भरी पड़ी है. दिल्ली में आग की घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. पिछले एक महीने की ही बात करें तो दिल्ली के कुछ हिस्सों में आग लगने की छह से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं.
दिल्ली फायर सर्विस (DFS) के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020-21 की तुलना में साल 2021-22 में आग लगने की घटनाओं से मरने वालों की संख्या में 70 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है और 2020-21 की तुलना में आग लगने को लेकर जो फोन कॉल आएं उनमें छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
वहीं 2021-22 के दौरान आग की 13 घटनाओं को 'मध्यम अग्नि श्रेणी' के तहत चिह्नित किया गया था और 2 मामले 2021-22 में 'गंभीर' थे, जबकि 2020-21 में, 19 आग की घटनाओं को 'मध्यम आग श्रेणी' के तहत चिह्नित किया गया था और 2 'गंभीर' थे. 2020-21 में घायलों की संख्या 1500 से अधिक है. आंकड़ों के अमुसार 2009 से आग को लेकर कोई ऐसी घटना नहीं हुई जो गंभीर से भी ज्यादा गंभीर थी जिसे 'मेजर' कैटेगरी का नाम दिया है.
इसेक अलावा 2019-20 के आंकड़ों पर नजर डालें तो दमकल विभाग को इस दौरान आग लगने की कुल 31,264 घटनाओं को लेकर फोन कॉल आए थे. इस दौरान 308 लोगों की मौत हुई है और 1600 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. 'मध्यम अग्नि श्रेणी' के तहत 27 मामले थे और 4 मामले 'गंभीर' थे.
इसी तरह 2018-19 में आग से हुई दर्घटना के दौरान 297 लोगों की मौत हो गई थी और दमकल विभाग को 31,264 आग लगने के मामलों की सूचना मिली थी. इस दौरान 1500 से अधिक लोग घायल भी हुए थे.
दमकल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एसके दुआ ने मिलेनियम पोस्ट को बताया, "गर्मियों के दौरान, आग लगने को लेकर जो फोन कॉल आते हैं उनकी संख्या दोगुनी हो जाती हैं. ऐसी घटनाओं के पीछे का कारण एसी या शॉर्ट सर्किट में विस्फोट होना प्रतीत होता है."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)