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तारीख- 26 नंबर 2013,
जगह- दिल्ली, बीजेपी का दफ्तर,
मंच पर अभी के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी का घोषणापत्र जारी कर रहे थे. करीब 7 मिनट बोलने के बाद वो कहते हैं, "हम दिल्ली वासियों को ये विश्वास दिलाना चाहते हैं कि केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद जो सबसे पहला काम करेंगे, केंद्र सरकार से निवेदन कर के कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाएंगे."
अब 8 साल बाद बीजेपी के ये वादे बीजेपी के साथ-साथ लोगों के ध्यान से शायद उतर गए हों, लेकिन यूट्यूब के तयखाने में जरूर मिल जाएंगे.
अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर आडवाणी तक, जिस दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की वकालत करते रहे है उनकी बीजेपी, अब राज्य नहीं बल्कि केंद्र के हाथों में दिल्ली की 'ताकत' देने की ओर आखिरी कदम भी बढ़ा चुकी है.
कुल मिलाकर, बीजेपी से लेकर अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी वादों में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा किया था. लेकिन अब दोनों के ही वादों पर बीजेपी ने 'झाड़ू' चला दिया है.
अब भले ही बीजेपी अपने वादों को भूल जाए या ठंडे बस्ते में डाल दे लेकिन सच तो ये है कि साल 1998 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में दिल्ली को ‘फुल स्टेटहूड’ यानी पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा किया था.
घोषणा पत्र में लिखा था,
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने अपना चुनावी वादा निभाने के लिए दिल्ली राज्य विधेयक 2003 तैयार किया था. तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने अगस्त 2013 में लोकसभा में विधेयक पेश भी किया. विधेयक को प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाली घरेलू मामलों की स्थायी समिति के पास विचार के लिए भेजा गया था. लेकिन तब मामला आगे नहीं बढ़ सका. फिर 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिर गई.
इसके अलावा साल 2014 में भी तत्कालीन दिल्ली प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष डाक्टर हर्षवर्धन ने दोबारा घोषणा करते हुए कहा था कि केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार बनने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा.
साल 2013 के जून महीने में गोवा में बीजेपी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक में भी दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य के राजनीतिक प्रस्ताव को स्वीकार किया था. इस दौरान विजय गोयल बीजेपी दिल्ली के अध्यक्ष थे. और उन्होंने दिल्ली के पूर्ण राज्य के रास्ते में तब की दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को जिम्मेदार ठहराया था.
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