दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का ‘अटल’ सपना भूल गई BJP?

साल 1998 से लेकर 2014 तक दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा बीजेपी के घोषणा पत्र का हिस्सा रहा है

शादाब मोइज़ी
भारत
Updated:
दिल्ली को नहीं मिला पूर्ण राज्य का दर्जा 
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दिल्ली को नहीं मिला पूर्ण राज्य का दर्जा 
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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तारीख- 26 नंबर 2013,

जगह- दिल्ली, बीजेपी का दफ्तर,

मंच पर अभी के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी का घोषणापत्र जारी कर रहे थे. करीब 7 मिनट बोलने के बाद वो कहते हैं, "हम दिल्ली वासियों को ये विश्वास दिलाना चाहते हैं कि केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद जो सबसे पहला काम करेंगे, केंद्र सरकार से निवेदन कर के कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाएंगे."

अब 8 साल बाद बीजेपी के ये वादे बीजेपी के साथ-साथ लोगों के ध्यान से शायद उतर गए हों, लेकिन यूट्यूब के तयखाने में जरूर मिल जाएंगे.

अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर आडवाणी तक, जिस दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की वकालत करते रहे है उनकी बीजेपी, अब राज्य नहीं बल्कि केंद्र के हाथों में दिल्ली की 'ताकत' देने की ओर आखिरी कदम भी बढ़ा चुकी है.

दरअसल, तमाम विरोध और विवादों के बावजूद केंद्र सरकार 15 मार्च को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक (2021) लेकर आई और पहले लोकसभा फिर 24 मार्च को राज्यसभा से भी पारित करा लिया है. 

कुल मिलाकर, बीजेपी से लेकर अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी वादों में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा किया था. लेकिन अब दोनों के ही वादों पर बीजेपी ने 'झाड़ू' चला दिया है.

1998 से लेकर 2014 तक दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा, बीजेपी के घोषणा पत्र का हिस्सा

अब भले ही बीजेपी अपने वादों को भूल जाए या ठंडे बस्ते में डाल दे लेकिन सच तो ये है कि साल 1998 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में दिल्ली को ‘फुल स्टेटहूड’ यानी पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा किया था.

  • बीजेपी ने अपने ‘vote BJP, vote for a stable government, vote for able prime minister’(‘बीजेपी को वोट दो, स्थिर सरकार को वोट दो, सक्षम प्रधानमंत्री को वोट दो’) के नारे वाले घोषणा पत्र के 11वें पन्ने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कही थी.
1998 का घोषणा पत्र(फोटो: स्क्रीनशॉट)
  • इसके अलावा अपने घोषणा पत्र के आखिरी पन्ने पर Freedom from Centre—States Discord—More powers for States and local bodies. (केंद्र से स्वतंत्रता - राज्यों और स्थानीय निकायों के लिए अधिक शक्तियां.) भी लिखकर राज्यों की ताकत की चर्चा की थी.
  • यही नहीं बीजेपी ने साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में भी एनडीए के घोषणा पत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने का जिक्र किया था.

घोषणा पत्र में लिखा था,

“हम दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे और उत्तरांचल, वनांचल और छत्तीसगढ़ को नए राज्यों के रूप में बनाएंगे.”
1999 में बीजेपी के घोषणा पत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का जिक्र(फोटो: स्क्रीनशॉट)
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दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का 'अटल' सपना

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने अपना चुनावी वादा निभाने के लिए दिल्ली राज्य विधेयक 2003 तैयार किया था. तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने अगस्त 2013 में लोकसभा में विधेयक पेश भी किया. विधेयक को प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाली घरेलू मामलों की स्थायी समिति के पास विचार के लिए भेजा गया था. लेकिन तब मामला आगे नहीं बढ़ सका. फिर 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिर गई.

इसके अलावा साल 2014 में भी तत्कालीन दिल्ली प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष डाक्टर हर्षवर्धन ने दोबारा घोषणा करते हुए कहा था कि केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार बनने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा.

उन्होंने ये भी तर्क दिया था कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा न मिलने से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के करोड़ों निवासियों को अनेक शासकीय और प्रशासकीय झमेलों का सामना करना पड़ता है.

साल 2013 के जून महीने में गोवा में बीजेपी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक में भी दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य के राजनीतिक प्रस्ताव को स्वीकार किया था. इस दौरान विजय गोयल बीजेपी दिल्ली के अध्यक्ष थे. और उन्होंने दिल्ली के पूर्ण राज्य के रास्ते में तब की दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को जिम्मेदार ठहराया था.

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Published: 25 Mar 2021,06:09 PM IST

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