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दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने कहा है कि देश के लाखों छात्र अपनी योग्यता के आधार पर शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और अब समय आ गया है कि मेडिकल कॉलेजों सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों में पिछले दरवाजे से होने वाले प्रवेश बंद हों.
दिल्ली हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी उन पांच छात्रों की अपील को खारिज करते हुए की, जिन्हें डिपार्टमेंट ऑफ मेडिकल एजुकेशन (DME) द्वारा आयोजित केंद्रीकृत काउंसलिंग के बिना एलएन मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, भोपाल में 2016 में एडमिशन दिया गया था.
9 सितंबर के अपने आदेश में जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की बेंच ने कहा,
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक देश के सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में NEET परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर केंद्रीकृत काउंसलिंग सिस्टम के जरिए ही एडमिशन हो सकते हैं.
कॉलेज ने याचिकाकर्ताओं के एडमिशन को रद्द नहीं किया और उन्हें क्लास में भाग लेने, परीक्षाओं में शामिल होने और प्रमोट होने की अनुमति दी.
उन्होंने सिंगल जज के आदेश को चुनौती देते हुए अपील दायर की. हालांकि, जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की बेंच ने भी अपील को खारिज करते हुए कहा कि इसमें कोई दम नहीं है.
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