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"जब दुनिया नए साल की खुशी मन रही थी, मैं और मेरे बच्चे मातम मना रहे थे. 1 जनवरी, मेरी जिंदगी का सबसे बुरा दिन रहेगा."
यह कहना है 39 साल की रेखा का. रेखा हॉस्पिटल से वापस आकर उत्तर पश्चिम दिल्ली (North Delhi) के मंगोलपुरी में अपने छोटे से घर के क्वीन साइज बेड पर बैठी हैं. उन्हें अपनी डायलिसिस के इलाज के लिए हर हफ्ते अस्पताल जाना होता है.
जैसे ही वह आराम करने बैठती हैं, छह भाई-बहनों में उनका सबसे छोटा बेटा नक्ष (10 वर्ष) स्कूल से लौटता है और अपनी मां से दोपहर का खाना मांगता है. दिन भर की थकी हुई रेखा ने बगल की गली में रहने वाली अपनी मां को फोन किया और उनसे घर के लिए खाना भेजने की गुजारिश की.
फोन नीचे रखते हुए, नम आंखों से रेखा अपनी 20 साल की बेटी अंजलि सिंह की माला पहने फोटो फ्रेम को देखती है और कहती है...
दिल्ली के कंझावला में एक कार से कुचलकर और 15 किलोमीटर से ज्यादा दूर तक घसीटे जाने के बाद एक भयानक हिट-एंड-रन में अंजलि सिंह की मौत हो गई थी. इस वारदात को एक साल हो गया है. यह एक ऐसा मामला था, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था.
द क्विंट ने अंजलि के परिवार से मुलाकात की, जो दोहरी लड़ाई लड़ रहे हैं.
पहली: अपने 'एकमात्र कमाने वाली' सदस्य के चले जाने के बाद गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
और दूसरी: 1 जनवरी 2023 की दुर्भाग्यपूर्ण रात को हुए नुकसान से जूझ रहे हैं.
1 जनवरी के शुरुआती घंटों में, अंजलि काम से घर लौट रही थी, जब एक बलेनो कार ने उसके दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी. इस कार में पांच लोग बैठे थे. उसके बाद पीड़िता के घायल हुए शरीर को कार बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी से रोहिणी जिले के कंझावला तक, 2 घंटे से भी ज्यादा वक्त तक खींचती गई. अंजलि की दर्दनाक मौत हो गई थी.
पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि यह घटना सुबह करीब 02.05 बजे हुई और उसके बुरी तरह घायल और शरीर का अर्ध-नग्न अवशेष 1 जनवरी को सुबह 4.40 बजे पाया गया.
इस घटना में लापरवाही से गाड़ी चलाने, हत्या और मौत से संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज करने के बाद सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
आरोपियों की पहचान मनोज मित्तल, अमित खन्ना, कृष्ण उर्फ कालू, मिथुन, दीपक खन्ना, अंकुश खन्ना और आशुतोष भारद्वाज के रूप में हुई. पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या की सजा) भी लगाई, जो उस समय कार में बैठे थे.
दिल्ली पुलिस ने 1 अप्रैल को दायर अपनी चार्जशीट में कहा कि आरोपी व्यक्तियों के पास "पीड़िता को बचाने के मौके थे लेकिन उन्होंने जानबूझकर उसे कार से घसीटा जिससे उसकी मौत हो जाए."
एक समर्पित बेटी, सुरक्षा देने वाली बहन, महत्वाकांक्षी ब्यूटीशियन और घर की एकमात्र कमाने वाली सदस्य, अंजलि अपने परिवार के लिए "सब कुछ" थी.
नौ साल पहले अपने पिता की मौत, दो बड़ी बहनों की शादी और मां को किडनी से जुड़ी बीमारी होने की वजह से, अंजलि ने 16 साल की उम्र में स्कूल छोड़ने और परिवार की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए नौकरी करने का फैसला किया.
वह छोटी बहन अंशिका (15) और दो भाइयों वरुण (13), नक्ष (10) की जिम्मेदार संभालती थी.
अंजलि की मां ने कहा कि अंजलि को खोने का मतलब परिवार के ध्रुव तारे को खोना है.
अंजलि की 15 साल की बहन अंशिका ने उसको याद करते हुए कहा कि अंजलि पंजाबी गानों की फैन थी, उन्हें इंस्टाग्राम रील्स बनाने में मजा आता था और मेकअप करना पसंद था
अंशिका के लिए, अंजलि एक दोस्त थी. वहीं वरुण और नक्ष ने कहा कि वह उनके लिए एक "मां" की तरह थी.
13 साल के वरुण, द क्विंट से बात करते हुए कहते हैं कि
अंजलि के परिवार ने कहा कि पिछले एक साल से वे घूमने के लिए बाहर नहीं निकले हैं. रेखा ने कहा कि हर चीज हमें उसकी याद दिलाती है. हम बाहर जाकर मौज-मस्ती नहीं कर पाए. उसे मोमोज बहुत पसंद थे, लेकिन उसकी मौत के बाद से हमने वो नहीं खाया.
3 जनवरी 2023 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अंजलि के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया और रेखा के इलाज का खर्च उठाने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया.
रेखा ने कहा कि एक साल में, हमें सरकार द्वारा दी गई सारी धनराशि का उपयोग करना पड़ा. जब आप घर के कुल खर्चों के बारे में सोचते हैं, तो एक बार की मदद पर्याप्त नहीं थी. केवल डायलिसिस ही कवर किया गया था. मुझे कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं थीं. मुझे अपनी दवाओं के लिए पैसे देने पड़े हैं जो बहुत महंगी हैं.
उन्होंने आगे कहा कि पिछले चार महीनों में, हमारे पास किराने का सामान खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे. मैंने एक महीने तक खाना नहीं बनाया क्योंकि हम सब्जियां नहीं खरीद सके. हर दिन, मेरी 60 साल की मां हमारे लिए खाना भेजती हैं. उनसे मांगना बहुत बुरा लगता है. ऐसा नहीं है कि वो नहीं देंगी, लेकिन हम कब तक उन पर निर्भर रह सकते हैं?
उन्होंने आरोप लगाया कि मुझे लगता है कि मेरे भाई को नौकरी नहीं मिल सकती क्योंकि वह सीधे तौर पर संबंधित नहीं है. इसलिए, मैं अधिकारियों से मुझे नौकरी देने की गुजारिश करती हूं.
द क्विंट ने सुल्तानपुर माजरा से AAP विधायक मुकेश कुमार अल्हावत से संपर्क किया, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला. प्रतिक्रिया मिलने पर उनके बयान के साथ कॉपी अपडेट की जाएगी.
जुलाई में, आरोप पत्र दायर होने के तीन महीने बाद, दिल्ली की रोहिणी अदालत ने आरोपियों पर हत्या, आपराधिक साजिश, सबूतों को गायब करने और अपराधियों को शरण देने का आरोप लगाया.
मामले की सुनवाई 21 सितंबर को शुरू हुई. कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक अदालत इस मामले में अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों पर सुनवाई कर रही है. अगली सुनवाई 28 फरवरी 2024 को है.
इस बीच, अंजलि के परिवार की तीन मांगें थीं: जो हुआ उसके लिए न्याय, रेखा के लिए नौकरी और बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा.
लेकिन अंशिका के लिए यह उसकी बहन द्वारा कही गई आखिरी बात है, जो अभी भी 'उसके दिमाग में घूम रही है.' 31 दिसंबर 2022 को काम पर जाने से पहले, अंजलि ने अंशिका से कहा था कि वह "अपने परिवार का ख्याल रखे."
15 साल की बच्ची ने कहा कि "यह एक लाइन मेरे दिमाग में पिछले एक साल से घूम रही है. जैसे दीदी ने हमारा ख्याल रखा, वैसे ही मैं अपनी मां और भाइयों का ख्याल रखूंगी."
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