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कोरोना वायरस के चलते देशभर में किसी को भी बाहर निकलने या फिर एक साथ कई लोगों के खड़े होने की इजाजत नहीं है. दिल्ली में भी सभी धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक है. सामूहिक रूप से पढ़ी जाने वाली नमाज को लेकर भी सरकार की तरफ से गाइडलाइन जारी की गई हैं. लेकिन इसी बीच दिल्ली के प्रेमनगर इलाके से कुछ पुलिसकर्मियों का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वो मस्जिद के सामने खड़े होकर कह रहे हैं कि अजान नहीं होनी चाहिए, इस पर रोक लगा दी गई है. ऐसा एलजी साहब का ऑर्डर है.
इस वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया गया है. लोगों ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और दिल्ली के एलजी को टैग कर वीडियो पर जवाब मांगा. जिसके बाद हर तरफ से इसे लेकर सफाई दी गई है.
पहले आपको पूरा मामला समझा देते हैं. दरअसल गुरुवार शाम से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. जिसमें दिल्ली पुलिस के दो जवान प्रेम नगर इलाके की एक मस्जिद में जाकर कहते दिख रहे हैं कि अब से अजान नहीं होगी. इसके लिए दिल्ली के एलजी की तरफ से ऑर्डर जारी किए गए हैं. जब वहां मौजूद कुछ महिलाएं जो इस घटना का वीडियो बना रही थीं, उन्होंने एलजी का ऑर्डर दिखाने की बात की तो पुलिसकर्मी उन्हें थाने आकर देखने की सलाह देते दिखे. इसी बात को लेकर दोनों जवानों की और महिलाओं की खूब बहस हुई.
दिल्ली पुलिस ने इस वायरल हो रहे वीडियो को लेकर ट्विटर पर एक बयान जारी किया. जिसमें पुलिस ने कहा कि,
"रमजान का पवित्र महीना 25 अप्रैल से शुरू हो रहा है. लेकिन रोजा और प्रार्थना के लिए सभी लोग लॉकडाउन की गाइडलाइंस का पालन करें. अजान एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक की जा सकती है. सभी से प्रार्थना है कि नमाज अपने घर पर ही अदा करें. कोरोना की इस लड़ाई में सभी को एकजुट होकर खड़े रहना है."
दिल्ली पुलिस के बाद दिल्ली सरकार से भी जवाब आया. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्विटर पर अजान को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में लिखा,
वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) जिनके नाम से वायरल वीडियो में पुलिस अजान रोकने की बात कर रही है, उन्होंने भी दिल्ली पुलिस के ही ट्वीट का रिप्लाई करते हुए एक ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने लिखा - "लॉकडाउन की गाइडलाइंस के तहत रमजान का निरीक्षण करें."
कुल मिलाकर दिल्ली पुलिस के जवानों का अजान को लेकर ये कहना कि इसकी इजाजत नहीं है, ये सरासर गलत है. इसे लेकर दिल्ली पुलिस और सरकार की सफाई तो आ चुकी है, लेकिन वीडियो में दिख रहे पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की बात अब तक नहीं की गई है. पुलिस ने वीडियो की सत्यता को लेकर भी कोई जवाब नहीं दिया है. इसीलिए क्विंट इस वीडियो की पुष्टि फिलहाल नहीं कर सकता है.
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