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दिल्ली पुलिस का धरना प्रदर्शन मंगलवार को 10 घंटे बाद खत्म हो गया. 2 नवंबर को वकीलों और दिल्ली पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद पुलिसकर्मी अपनी मांगों को लेकर पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे थे.
ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर से मिले आश्वासन के बाद रात आठ बजे धरना खत्म हो गया. ये जानकारी दिल्ली पुलिस के ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर देवेश श्रीवास्तव ने दी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों की मांगें मान ली गई हैं.
आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मी अब हटने लगे हैं. करीब 10 घंटे बाद दिल्ली पुलिस मुख्यालय के आस-पास ट्रैफिक बहाल कर दिया गया है.
प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मी पांच मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. ये रही मांगे-
दिल्ली पुलिस के जवानों ने मंगलवार को वकीलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान अपने सीनियर अफसर पूरी तरह अनसुना कर दिया. दिल्ली पुलिस कमिश्नर के आश्वासन देने के बावजूद पुलिसकर्मियों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा. इसके बाद ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर ने धरना स्थल पर आकर पुलिसकर्मियों को समझाया.
इस विरोध प्रदर्शन ने उस समय एक एक नया मोड़ ले लिया, जब बिहार और हरियाणा पुलिस एसोसिएशन ने भी आंदोलनकारी दिल्ली पुलिसकर्मियों को अपना समर्थन दे दिया.
तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई मारपीट के दौरान घायल हुए दिल्ली पुलिसकर्मियों को विभाग 25,000 रुपये मुआवजा देगा. ये ऐलान दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त ने मंगलवार को किया.
2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट के परिसर में पार्किंग को लेकर एक वकील और कुछ पुलिसकर्मियों के बीच मामूली बहस हो गई, जिसने बाद में हिंसा का रूप ले लिया. इस दौरान एक वकील को गोली भी लग गई. पुलिस ने दावा किया, "एक अतिरिक्त डीसीपी और दो एसएचओ सहित बीस पुलिसकर्मियों को चोटें लगी हैं. आठ वकीलों को भी चोट लगीं. 12 मोटरसाइकिलें, एक पुलिस क्यूआरटी जिप्सी और आठ जेल वैन क्षतिग्रस्त हो गए."
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