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दिल्ली पुलिस ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार की उस रिपोर्ट को नकारा है, जिसमें अखबार ने पुलिस रिकॉर्ड के हवाले से मौलाना साद की ऑडियो क्लिप को फर्जी बताया था.
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज के प्रमुख मौलाना साद कंधावली का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, जिसमें कथित तौर पर मौलाना साद की आवाज में तब्लीगी जमात के सदस्यों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने के लिए कहा जा रहा था.
शनिवार को इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि दिल्ली पुलिस की प्रारंभिक जांच में क्लिप से छेड़खानी की बात सामने आई है. क्लिप को कई दूसरी क्लिपों से मिलाकर बनाया गया था.
गौरतलब है कि आलमी मरकज बंगलेवाली मस्जिद जो तब्लीगी जमात का मुख्यालय भी है. उसके प्रमुख मौलाना साद समेत 6 लोगों पर दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस ने मरकज सदस्यों के पास से एक लैपटॉप बरामद किया है, जिसमें ऑडियो क्लिप मिला है. जांच में पुलिस को पता चला कि तीन रूपों में 350 से अधिक ऑडियो क्लिप हैं. साथ ही पता चला है कि उनमें वह ऑडियो क्लिप शामिल हैं जो मरकज के आयोजन की ऑडियो क्लिप और जमात के समर्थकों को भेजी गई ऑडियो क्लिप को यूट्यूब चैनल पर अपलोड की गई.
इंस्पेक्टर सतीश कुमार के नेतृत्व में एक टीम वायरल ऑडियों क्लिप का पता लगाने की कोशिश कर रही है. लेकिन बरामद लैपटॉप से ऐसी कोई क्लिप नहीं मिला है, जिसके चलते मौलाना साद पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. दूसरी ओर जांचकर्ताओं ने पाया कि पुलिस और धर्म को लेकर जो बयान दिया गया था वो अलग-अलग आयोजन में किसी और बारे में दिया गया था जिसे ऑडियो में जोड़ दिया गया है.
अब पुलिस बरामद सभी ऑडियो क्लिप और ऑडियो क्लिप को जांच के लिए एफएसएल के पास भेज दिया है.
इस खबर को इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट पर पुलिस की प्रतिक्रिया आने के बाद अपडेट किया गया है.
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