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"आप कहते हैं, आपके पास पावर है, आप सुपरमैन हैं, लेकिन लगता है कि आप कुछ करेंगे नहीं. हर मामले में मुख्यमंत्री को मत घसीटिए. आपको सिंपल अंग्रेजी में ये बताना है कि कूड़े का पहाड़ कब हटाएंगे." ये बातें या यूं कहें फटकार सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में लैंडफिल मतलब कूड़े के ढेर को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को लगाई है.
दरअसल, दिल्ली में कचरा प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इसी दौरान गुरुवार को उपराज्यपाल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया गया. एलजी की ओर से कहा गया है कि कचरा प्रबंधन के लिए निगम जिम्मेदार है, और एलजी इसपर लगातार बैठक कर रहे हैं.
लेकिन एलजी की तरफ से मिले इस जवाब से कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं दिखा. तभी कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा,
दरअसल एमिक्स क्यूरी कॉलिन गोंजाल्विस ने कोर्ट में कहा कि पहले मीटिंग में तय हुआ था कि रोजाना 2 बार सफाई होगी. सफाई के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और स्वास्थ्य अधिकारियों के नाम वेब साइट पर होंगे. सबकी जिम्मेदारियां तय हो. सजा का प्रावधान हो. लेकिन उपराज्यपाल सफाई से जुड़े मीटिंग में न खुद आए न ही उन्होंने अपनी तरफ से किसी को भेजा. एमिक्स क्यूरी की इसी बात पर कोर्ट नाराज हो गया. और कोर्ट ने एलजी ओर से मौजूद ASG पिंकी आनंद से कहा,
कोर्ट ने आगे कहा, ''अगर एलजी ये मानते हैं कि सब कुछ वही है तो बैठक में क्यों नहीं गए? एलजी के मुताबिक अगर स्वास्थ्य मंत्री कोई फैसला ले नहीं सकते तो एलजी ने खुद क्या किया?''
बता दें कि मंगलवार को दिल्ली में कूड़ा प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि दिल्ली में कूड़ा प्रबंधन को लेकर जिम्मेदारी किसकी है? मुख्यमंत्री की या LG की या केंद्र सरकार की.
कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के हलफनामे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि हम आदेश देते है लेकिन कोई उसे लागू नही करता.
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