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दिल्ली में 1 नवंबर से सभी कक्षाओं के लिए स्कूल खुल गए हैं. 27 नवंबर को दिल्ली (Delhi) के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के घोषणा की थी कि दिल्ली के सभी स्कूलों को 1 नवंबर से फिर से खोलने की अनुमति दी जाएगी. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया.
इस साल जनवरी में, स्कूल थोड़े समय के लिए फिर से खुल गए थे, लेकिन महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत के तुरंत बाद बंद कर दिए गए.
दिल्ली के स्कूलों को फिर खोलने की योजना बन रही है. स्कूलों में क्या पहले जैसी व्यवस्थाएं होंगी या कुछ बदला हुआ है? चलिए जानते हैं वो सब कुछ जो आपको जानना चाहिए.
किन कक्षाओं के छात्रों को अनुमति दी जाएगी?
प्राथमिक स्तर सहित सभी कक्षाओं के लिए स्कूल फिर से खुलेंगे.
एक बार में कितने छात्रों को अनुमति दी जाएगी?
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल अधिकतम 50 प्रतिशत छात्रों की क्षमता के साथ कार्य करेंगे.
क्या क्लास अटेंड करना अनिवार्य है?
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी अभिभावक को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा. फिजिकल क्लासेज में शामिल नहीं होने वाले छात्रों के लिए, हाइब्रिड मोड में क्लासेज जारी रहेंगी.
विद्यार्थियों के वैक्सीनेशन के लिए कोई व्यवस्था की गयी है?
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूलों को सभी शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों का पूर्ण वैक्सीन लगवाने का निर्देश दिया गया है.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि बैठक में बताया गया कि सभी स्कूलों में 98-99 प्रतिशत कर्मचारी हैं, जिन्हें वैक्सीन की पहली खुराक मिली है.
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